फ्लैग: ग्रुप डिस्कशन में शामिल हुए पर्यावरण अभियंता और नगर स्वास्थ्य अधिकारी बोले-जगह आप बताएं टॉयलेट हम बनाएंगे

बरेली: शहर की मार्केट या फिर मेन एरिया में पिंक टॉयलेट न होना बड़ी समस्या है। जिसकी वजह से मार्केट आने वाली महिलाएं मार्केट आने से पहले सोचती हैं कि कहीं टायलेट न जाना पड़ जाए क्योंकि जो भी टॉयलेट बने हैं, वो मार्केट से एक-दो किलोमीटर दूर है। वहीं पब्लिक टॉयलेट में गंदगी के चलते महिलाएं उसमें जाना पसंद नहीं करती हैं। इसी मुद्दे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'एक्सक्यूज मी' कैंपेन के जरिए प्रमुखता से उठाया, जिसको काफी सराहा भी गया। इस कैंपेन में शहर के सम्मानित नागरिकों, समाजसेवी और महिलाओं के साथ कॉलेज ग‌र्ल्स की समस्या के साथ उनकी राय भी जानी। जहां पर सभी ने बेबाकी से अपनी राय रखी। कैंपेन से जुड़े नगर निगम के अफसरों ने शहर में पिंक टायलेट निर्माण कराना भी शुरू कर दिया है। वहीं समाजसेवी महिलाओं का कहना था कि नगर निगम जगह दे टॉयलेट वह खुद भी बनवाने को तैयार हैं। तो वहीं व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने देखरेख की जिम्मेदारी उठाने का वादा किया।

48 टॉयलेट बनने शुरू

ग्रुप डिस्कशन में दैनिक जागरण के ऑफिस पहुंचे पर्यावरण अभियंता ने कैंपेन को सराहा। उन्होंने कहा कि शहर में अभी 54 वर्किग टायलेट हैं। अभी 48 टायलेट नए बनाए जा रहा हैं। जिसमें 30 अलग-अलग जगहों पर बनाने शुरू हो चुके हैं। जबकि जो बनने शुरू होने हैं वह भी जल्द बनने शुरू हो जाएंगे। अभी जो टायलेट बनाए जा रहे हैं वह दो पार्ट में बनाए जा रहे हैं। इसमें एक तरफ महिलाओं के लिए पिंक तो अलग साइड में पुरुषों के लिए टायलेट हैं। दोनों में दो-दो सीटें लगाई जा रही है। एक सीट दिव्यांग के लिए अलग से लगाई जाएगी। ताकि दिव्यांग को भी कोई प्रॉब्लम न हो। जो टायलेट अभी बने हुए हैं उसमें महिलाओं के लिए अलग तो है लेकिन साइड एक ही है। लेकिन अब जो बन रहे वह पिंक टायलेट की तरह ही बनेंगे। इसमें महिलाओं के लिए अलग साइड से एंट्री गेट होगा।

पहले से बने टॉयलेट का जीणरेंद्धार

शहर में 27 टायलेट पहले हैं उनका भी जीर्णोद्धार नगर निगम ने कराना शुरू किया है। जिसमें कुछ का तो हो चुका है। ताकि टायलेट के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए भी कोई प्रॉब्लम न हो। क्योंकि जो भी पुराने टायलेट बने हुए हैं वहां पर गंदगी और जर्जर हो चुके थे। इसीलिए नगर निगम ने उनका भी जीर्णोद्धार कराना शुरू कर दिया है।

शहर में पिंक टायलेट की समस्या को आईनेक्स्ट ने उठाया है। अब नगर निगम इस समस्या को दूर करने के लिए पिंक टायलेट बनवाने शुरू किए हैं तो अच्छी बात है। महिलाओं के लिए खुशी की बात कि उनकी समस्या का भी अब समाधान होना शुरू हो गया है।

निधि शर्मा

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-महिलाएं अभी तक मार्केट आने से पहले सोचती थी कि समय से घर भी जाना है। लेकिन अगर शहर की मार्केट या फिर मेन स्थानों पर पिंक टायलेट होंगे तो फिर महिलाओं के लिए समस्या नहीं होगी। महिलाओं के लिए पिंक टायलेट न होने से प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।

डिंपल

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-शहर की मार्केट और मेन स्थानों पर टायलेट बन जाएं इससे अच्छी बात क्या होगी। नगर निगम ने पिंक टायलेट बनवाने की बात कही है। आईनेक्स्ट ने महिलाओं की समस्या को उठाया, जिसको अभी तक किसी ने सोचा नहीं था। लेकिन अब अच्छी बात है कि इसका इंपैक्ट दिखेगा।

राशि

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चौपुला चौराहा के पास कोई टायलेट नहीं है। ऐसे में जो भी शहर आने वाले पैसेंजर्स या शॉपिंग करने के लिए जो आते हैं उनको काफी प्रॉब्लम फेस करनी होती है। मेरा कहना है कि चौपुला चौराहा के पास पिंक टायलेट बनाया जाए। क्योंकि यह महिलाओं के लिए एक बड़ी समस्या है।

पूनम भल्ला

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-पिंक टायलेट बनवाना ही कोई बड़ी बात नहीं है नगर निगम पिंक टायलेट बनवाने के साथ उनकी साफ सफाई का भी ध्यान रखे। आई नेक्स्ट ने बिल्कुल ठीक मुद्दा उठाया है। अब नगर निगम ने टायलेट निर्माण का कराने की बात कही और निर्माण शुरू कराए हैं तो इससे अच्छी बात हम लोगों के लिए क्या होगी।

चित्रा जौहरी

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कुतुबखाना और बड़ा बाजार के पास कोई टायलेट नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जो मुहिम छेड़ी है यह काफी अच्छी है महिलाओं की समस्या को उठाया है। घंटा घर के पास नगर निगम जगह उपलब्ध कराए मैं खुद टायलेट बनवा दूंगी। क्योंकि वहां पर टायलेट की समस्या सबसे अधिक है।

दीक्षा सक्सेना

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-पिंक टायलेट महिलाओं के लिए जरूरी है क्योंकि वह पब्लिक टायलेट में जाना पसंद नहीं करती है। इसीलिए जरूरी है कि महिलाओं की समस्या को देखते हुए एक आबादी के अनुपात में टायलेट बनाए जाएं। ताकि महिलाएं मार्केट में शॉपिंग को बेझिझक निकल सकें।

नीता शर्मा

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मैं तो यहीं कहूंगी कि जो पार्क जहां पर लोग घूमने के लिए आते हैं वहां पर टायलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि शहर में जहां पर पार्क है नगर निगम के वहां पर एक दो पार्क को छोड़ दें तो कहीं पर भी टायलेट की व्यवस्था नहीं है। इसीलिए जरूरी है कि टायलेट बनाए जाएं।

निशा शर्मा

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-राजेन्द्र नगर एरिया में टायलेट तो बना है लेकिन वहां पर पिंक टायलेट नहीं है। इसीलिए वहां पर मार्केट आने वाली महिलाओं को कहीं न कहीं प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। चौराहा के पास जो पब्लिक टायलेट बना उसमें भी सबसे अधिक गंदगी है जिस कारण वहां पर लोगों को पॉब्लम होती है।

राशि पराशरी

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नगर निगम शहर में पिंक टायलेट का निर्माण कराएगा तो इससे महिलाओं की जो समस्या है वह दूर होगी। महिलाओं के लिए तो मार्केट आने में परेशानी नहीं होगी। लेकिन शहर में नगर निगम की ही करीब 20-25 मार्केट ऐसी है जहां पर पिंक टायलेट की जरूरत है। लेकिन इसके बाद भी वहां पर पब्लिक टायलेट तक नहीं हैं। नगर निगम को अपनी मार्केट में कम से कम एक पिंक टायलेट जरूर बनाना चाहिए।

राजेश जसोरिया

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शहर में जो भी टायलेट बने हैं उनकी साफ सफाई होना चाहिए, ताकि जो भी टायलेट जाए वहां पर उसे परेशान न होना पड़े। क्योंकि शहर में अभी तक कई ऐसे टायलेट बने हुए हैं जहां पर बना तो दिए गए हैं लेकिन वहां पर साफ सफाई की कोई व्यवस्था तक नहीं है। जिस कारण आम पब्लिक परेशान होती है और टायलेट का यूज नहीं कर पाती है।

वीरेन्द्र अग्रवाल, व्यापारी

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-दैनिक जागरण ने 'एक्सक्यूज मी' पिंक टायलेट का जो कैंपेन शुरू किया है काफी अच्छी बात है। नगर निगम भी इसमें सहयोग के लिए तैयार है। जहां पर पिंक टायलेट बनवाने के लिए जानकारी मिली हैं वहां पर पिंक टायलेट बनवाने शुरू कर दिए गए हैं। शहर में स्मार्ट टायलेट भी बनवाए जा रहा हैं। जहां पर केयर टेकर की भी जरूरत नहीं होगी। सभी कुछ ऑटोमेटिक होगा।

संजीव प्रधान, पर्यावरण अभियंता नगर निगम

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टायलेट नगर निगम जरूर बनवाता है लेकिन अब इसमें सफाई रखने की जिम्मेदारी हम सभी की भी होती है। क्योकि हम स्मार्ट तभी जब हर व्यक्ति स्मार्ट होगा। समाज इसके लिए साथ दे तभी नगर निगम पिंक टायलेट और पब्लिक टायलेट का साफ रख सकता है। नगर निगम शहर में टायलेट बनवाने और उनमें सफाई रखने का ध्यान रखता है। कहीं कोई कमी है तो उसके लिए सूचित करें ठीक कराया जाएगा।

डॉ। अशोक कुमार, एसीएम नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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