बरेली (ब्यूरो)। गलत आदेश से होने वाली ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की आवाज की रिकार्डिंग कराने की व्यवस्था होने जा रही है। मुरादाबाद रेल मंडल इसके लिए तीन स्टेशन क्षेत्र में इंडिपेंडेंट कम्युनिकेशन विद वाइस लॉङ्क्षगग फैसिलिटी सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। इस सिस्टम को लगाने के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है।

अभी मौखिक होता है आदेश
देश भर में ट्रेनों के संचालन के लिए अभी फोन कॉल से ही मौखिक आदेश दिए जाते हैं। स्टेशन मास्टर ट्रेन आने पर रेल फाटक बंद कराने, सिग्नल देने, प्लेटफार्म निर्धारित करने जैसे आदेश देता है। इसके अलावा कंट्रोल रूम से मंडल भर के स्टेशन मास्टर्स को ट्रेन संचालन संबंधित आदेश मिलते हैं। वर्तमान में इस आदेश की पुष्टि के लिए एक दूसरे से गोपनीय नंबर को बदलने की व्यवस्था है।

सिस्टम बीप से करेगा सचेत
ट्रेन दुर्घटना होने पर रेल कर्मचारी एक दूसरे को दोषी ठहराने का प्रयास करते हैं। उदाहरण लिए ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना, मुरादाबाद रेल मंडल में गढ़मुक्तेश्वर में राजधानी एक्सप्रेस का सिग्नल ओवर शूट होना सहित दर्जनों मामले सामने आते रहते हैं। रेलवे प्रशासन इस तरह की दुर्घटना रोकने के लिए ट्रेन सेफ्टी की आवाज की रिकार्डिंग करने के लिए आधुनिक सिस्टम लगाने जा रहा है। इसमें ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों के आवाज की रिकार्डिंग की जाएगी। नियम के विरुद्ध आदेश देने पर सिस्टम बीप की आवाज देकर सचेत करने का काम करेगा। इसके बाद ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारी आदेश देने पर सावधानी बरतेगा।

आरडीएसओ से स्वीकृत
मानवीय भूल, चूक और गलती से होने वाली रेल दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ही रेलवे स्टेशन्स, रेल फाटक आदि जगहों पर इंडिपेंडेंट कम्युनिकेशन विद वाइस लॉङ्क्षगग फैसिलिटी सिस्टम लगाने की कवायद चल रही है। इस एडवांस सिस्टम को अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने भी स्वीकृति प्रदान की है। मुरादाबाद रेल मंडल के तीन स्टेशन क्षेत्रों में लगाने के लिए चार करोड़ 43 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है।

यहां प्लांट होगा सिस्टम
मुरादाबाद मंडल पहले चरण में देहरादून, शाहजहांपुर व हरदोई स्टेशन एरियाज में इस सिस्टम को लगाने की तैयारी कर रहा है। हरदोई व शाहजहांपुर स्टेशन से सबसे अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। सिस्टम के लग जाने से सिग्नल ओवर शूट जैसी घटनाओं में कमी आएगी। इससे कर्मचारियों की भूल, चूक से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद जताई जा रही है।

मांगे गए आवेदन
दूरसंचार एवं सिग्नल विभाग को पहले चरण में तीन स्टेशन क्षेतों में यह सिस्टम लगाना है। इसके लिए जो भी उपकरण खरीदने हैं, उसके लिए कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं।
सीनियर डीसीएम सुधीर ङ्क्षसह