बरेली (ब्यूरो)। शहर से लेकर देहात तक आवारा कुत्तों व बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन इनके हमले में लोग घायल हो रहे हैै, तो कुछ को जान से हाथ भी धोना पड़ रहा है। कुछ दिनों पहले ही बंदर के हमले से बचने के प्रयास में एक बच्ची छत से गिर गई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। मंगलवार को सीबीगंज में एक बच्ची को कुत्ते के झुंड ने घेर लिया और नोच-नोचकर उसे मरणासन्न कर दिया, बुधवार को इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस तरह के कई मामले जिले में अब तक सामने आ चुके हैैं। लेकिन, बंदरों व कुत्तों के आतंक पर लगाम नहीं लग पा रही हैै।

घर के बाहर खेल रही थी
सीबीगंज के बंडिया ग्राम में मंगलवार को अवधेश गंगवार की दो वर्षीय बेटी परी घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान अचानक कुत्तों के झुंड ने बच्ची पर हमला करते हुए उसे कई जगह से नोच दिया, जिससे वह मरणासन्न हो गई। परिजनों ने काफी मशक्कत के बाद बच्ची को कुत्तों के झुंड से बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां बुधवार को उसकी मौत हो गई। मृतक बच्चाी पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। बच्ची की मौत से उसकी मां कुसुम व परिजनों में कोहराम मच गया।

इसलिए खूंखार हो रहे कुत्ते
बताया जा रहा है कि गांव में मांस की कई दुकानें हैैं। दुकानदार वेस्ट को दुकान के बाहर सडक़ पर फेंक देते हैं, जिससे खाने के लिए कुत्तों का झुंड मंडराता रहता है। मांस खाकर कुत्ते खूंखार हो रहे हैं और मांस नहीं मिलने पर कुत्तों का झुंड लोगों पर हमला कर देता है। कई बार घटनाएं सामने आने के बाद भी जिम्मेदार एक्शन नहीं ले रहे हैैं।

बंडिया में पहले भी जान ले चुके कुत्ते
अप्रैल 2021 में सीबीगंज के बंडिया गांव निवासी नत्थू का 10 वर्षीय पुत्र मोरपाल घर के बाहर खेल रहा था। इसी बीच कुत्ते उस पर झपट पड़े और उसे नोच कर बुरी तरह से लहुलुहान कर दिया। किसी तरह से लोगों ने बच्चे को छुड़ाया और अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जुलाई 2020 बंडिया गांव में सात वर्षीय बच्ची रोहिणी व उसकी बहन नौ वर्षीय रोशनी पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था। इलाज के दौरान रोहिणी की मौत हो गई थी।


जिले भर में कुत्ते-बंदरों का आतंक
केस 1
10 फरवरी को सीबीगंज के चंद्रपुर काजियान निवासी अमन को खेत में जाते समय कुत्ते के झुंड ने हमला कर दिया था। जिससे वह लहुलुहान हो गया, बच्चे का उपचार कराया गया था।

केस 2
विगत वर्ष 31 दिसंबर को सीबीगंज के ही बंडिया गांव में रहने वाले विवेक पर कुत्तों ने हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

केस 3
जुलाई 2022 में शाही थाना क्षेत्र के दुनका में बंदरों के झुंड ने पिता के हाथ से 4 महीने के बच्चे को छीनकर छत से फेंक दिया, जिससे बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई थी।

केस 4
कैंट थाना क्षेत्र के गांव क्यारा निवासी चार साल की गुनगुन पर 24 फरवरी को बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया था। बचने के प्रयास में गुनगुन छत से गिर गई थी, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं थी।

बोले अधिकारी
मांस न मिलने पर कुत्ते इस तरह बच्चों पर हमला कर देते हैं। वे हमेशा सहज टारगेट बनाते हैं।
डॉ। अभिजीत पावड़े, वैज्ञानिक, आईवीआरआई

सीबीगंज में कुत्ते के हमले से बच्ची की मौत की जानकारी हुई है, वहां थर्सडे को टीम भेजी जाएगी जो मामले की जांच करेगी। जांच के उपरांत ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। आदित्य तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम