-एक गलत क्लिक कर रहा है छात्राओं को एडमिशन से आउट

-फीमेल की जगह मेल करने करने पर उन्हें सॉफ्टवेयर नहीं देगा उन्हें महिला कोटे लाभ

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

बीसीबी में एडमिशन के लिए फॉर्म भरने की ऑनलाइन प्रक्रिया तमाम स्टूडेंट्स के कॅरियर पर भारी पड़ रही है। क्योंकि फॉर्म भरने में एक भी गलती उन्हें एडमिशन प्रक्रिया से बाहर कर दे रही है।

केस नंबर-1

कस्बा मथुरापुर निवासी रागिनी ने बीए फ‌र्स्ट ईयर में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। साइबर कैफे संचालक की एक गलती ने उसे एडमिशन की दौड़ में शामिल होने से पहले ही बाहर कर दिया। साइबर कैफे संचालक ने गलती से जेंडर में फीमेल की जगह मेल फीड कर दिया।

केस नंबर-2

बड़ा बाजार की दीप्ति ने बरेली कॉलेज में बीकॉम के एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। भूलवश वह फीमेल की जगह मेल भर गई। इसका असर जुलाई के फ‌र्स्ट वीक में जारी होने वाली मेरिट पर पड़ेगा। क्योंकि कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा बनवाया गया सॉफ्टवेयर उसे महिला कोटे का लाभ नहीं देगा।

यह दो केस तो बानगी भर हैं, लेकिन करीब एक दर्जन छात्राएं एक छोटी सी गलती की वजह से बरेली कॉलेज में एडमिशन लेने से चूक गई। फर्जी एडमिशन को लेकर लास्ट हुई बदनामी से बचने के लिए कॉलेज मैनेजमेंट ने इस साल स्टूडेंट्स से ऑनलाइन आवेदन मांगे। इसके लिए वेबसाइट तैयार कराई गई। स्टूडेंट्स की कट ऑफ जारी के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप कराया गया, जो अपने आप सेलेक्टेट स्टूडेंट्स की कट ऑफ जारी करेगा। ऐसी स्थिति में उन छात्राओं को महिला कोटे का लाभ नहीं मिल पाएगा, जिन्होंने गलती से फीमेल की जगह मेल जेंडर फीड कर दिया है।

वर्जन

स्टूडेंट्स सावधानी से फार्म भरें। यदि छात्राएं फीमेल की जगह मेल जेंडर फीड कर देती हैं, तो सॉफ्टवेयर उन्हें महिला कोटे का लाभ से वंचित कर देगा। इसका असर उनकी मेरिट पर पड़ेगा।

डॉ। पीके अग्रवाल, डीएसडब्ल्यू