-स्वतंत्रता आंदोलन में कूदने से पहले जला दी थी वर्दी

-स्वतंत्रता के बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर की सेवाएं

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BAREILLY

सिविल लाइन एरिया निवासी पंडित रामस्वरूप शुक्ला अंग्रेजों की हुकूमत में पीलीभीत के डिप्टी जेलर रहे थे। वर्ष 1941 में एक दिन अंग्रेजी हुकूमत से मोहभंग हुआ तो उन्होंने अंग्रेजो की नौकरी को लात मार दी। डिप्टी जेलर की अपनी वर्दी को आग लगाकर स्वतंत्रता आंदोलन की जंग में कूद पड़े।

सादगी से बिताया जीवन

पंडित रामस्वरूप शुक्ला ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। आंदोलन में बड़ी भूमिका भी निभाई। बड़े काम से नाम को शोहरत भी मिली। देश के आजादी के बाद भी वह सामाजिक कार्यो व कांग्रेस से जुड़े रहे। वह प्रशासनिक नगर सुरक्षा यातायात समिति सेक्रेट्री रहे, जिसके अध्यक्ष एसएसपी थे। इसके बाद वह यूपी और उत्तराखंड की करीब 80 फैक्ट्री के लेबर यूनियन के अध्यक्ष रहे, जिसमें बरेली की आईवीआरआई भी शामिल था। भारत समाज सेवक (गैर राजनैतिक दल) के वह यूपी के जनरल सेक्रेटरी भी रहे, इस संस्था के संस्थापक स्वयं गुलजारी लाल नंदा थे। पंडित रामस्वरूप शुक्ला आजीवन कांग्रेसी रहे, वह 22 साल तक कांग्रेस के बरेली जिलाध्यक्ष रहे। उस समय उनके साथ शहर के धर्मदत्त वैद्य, राममूर्ति, चेतराम गंगवार आरै भानू प्रताप आदि रहे थे। उन्होंने सादगी से जीवन को बिताया।