- मरीजों ने लगाया कोविड अस्पतालों पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप

-गर्भवतियों को हो रही खासी दिक्कत, गंदगी में गुजार रहे दिन

केस.1

दिल्ली हाइवे स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में भर्ती कालीबाड़ी की रहने वाली आठ माह की संक्रमित गर्भवती ने अव्यवस्था का आरोप लगाया है। उनके मुताबिक जब वह अस्पताल पहुंची तो शौचालय गंदे थे। छह दिन तक गंदगी साफ करने को कहने पर सफाई हुई तो अगले दिन फिर स्थित जस की तस हो गई। स्टाफ ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं मगर रिपोर्ट नहीं बताते। उन्होंने मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है।

केस.2

भोजीपुरा स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में भर्ती राजेंद्र नगर के एक संक्रमित का आरोप है कि अस्पताल में पीने को पानी तक समय से नहीं दिया जा रहा है। बार-बार कहने पर स्टाफ पानी देने के बजाय प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट होने का सुझाव दे रहे हैं। बताया कि उन्हें कोरोना के लक्षण हैं मगर तबियत इस कदर नहीं बिगड़ी कि इलाज की जरूरत पड़े। मगर जिस हालात में वह भर्ती हैं जल्द ही बीमार हो जाएंगे।

केस 3

बीते दिनों कोविड एल-3 में भर्ती रहे एक संक्रमित के परिजनों का आरोप है कि उन्हें अस्पताल में दवाएं समय पर नहीं दी जा रही थीं। जबकि उन्होंने कंट्रोल रूम पर कॉल की तो वहां से दवाएं प्रत्येक अस्पताल को मुहैया कराने की जानकारी दी गई। मामले पर जब स्टाफ से आपत्ति जताई तो उन्होंने कंट्रोल रूप से ही दवा मंगाने का सुझाव दे डाला। वह स्वस्थ होकर घर आ गए हैं मगर प्रशासन से अस्पताल पर कार्रवाई की मांग की है।

बरेली: आए दिन कोविड अस्पताल किसी ना किसी कारण चर्चा में रहते है। इस बार कोविड अस्पताल में भर्ती कुछ संक्रमितों और उनके तीमारदारों का कहना है कि संक्रमितों के खून के सैंपल तो अस्पताल में लिए जाते हैं लेकिन जांच रिपोर्ट कोई नहीं बताता। अव्यवस्था पर आपत्ति जताने पर अभद्र व्यवहार हो रहा है। उन्होंने अस्पतालों में मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है।

संक्रमितों ने सुनाई आपबीती

अस्पतालों में अव्यवस्था पर संक्रमितों ने खामियों की पोल खोली। उनके मुताबिक अस्पतालों में समय से दवाएं नहीं दी जा रहीं। नियमानुसार दिन में तीन बार डॉक्टरों को मरीजों का हाल चाल लेने के निर्देश हैं। मगर एक बार भी डॉक्टर वार्ड में नहीं जा रहे। पैरामेडिकल स्टाफ राउंड ले रहा है मगर अव्यवस्थाओं पर वह कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। बताया कि ऐसे हालात मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। सैंपल लेकर उसकी जांच रिपोर्ट नहीं बताए जाने से संक्रमित मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के बजाए घर पर ही आइसोलेट करने की मंशा जाहिर की है।

संक्रमितों की शिकायतों का निस्तारण कराया जा रहा है मगर लिखित शिकायत न होने की वजह से जांच के बाद कार्रवाई के लिए आधार नहीं है। लोगों से अपील है कि अगर उन्हें परेशानी हो रही है तो वह ई-मेल पर या लिखित शिकायत करें, ताकि कार्रवाई की जा सके।

डॉ। अशोक कुमार, एसीएमओ

कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग की मौत

बरेली। बरेली में जहां डेली 150 के करीब मरीजो में कोरोना की पुष्टि हो रही है। वहीं, कोरोना संक्रमितों की डेथ का आं कड़ा भी बढ़ रहा है। थर्सडे को भी कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

इनकी हुई मौत

आंवला के अवधपुर निवासी 59 वर्षीय बुजुर्ग का इलाज को्िरवड एल 2 हॉस्पिटल में चल रहा था। थर्सडे को दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।