-बीते पांच से शोध में नहीं हुआ एक भी एडमिशन

-2009 में शासन ने बदली शोध में एडमिशन प्रक्रिया

BAREILLY शासन की लापरवाही की मझधार में शोध की एडमिशन प्रक्रिया अटक गई है। यहीं कारण बीते पांच सालों से बॉटनी, फिजिक्स, एनिमल साइंस आदि के शोध में एक भी एडमिशन नहीं हुआ। सरकार की इस अनदेखी का खामिजाया शोधार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। वह प्रवेश के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।

2009 में बदली प्रवेश प्रक्रिया

बसपा शासन काल में 2009 में शोध की प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव किया गया। सरकार कॉमन टेस्ट के माध्यम से शोध में एडमिशन करने के आदेश दिए। साथ ही पूर्वाचल की एक यूनिवर्सिटी को कॉमन टेस्ट कराने का जिम्मा सौंपा। टेस्ट पास करने वाले स्टूडेंट्स की मेरिट तैयार होगी। इसके बाद उसे 25 हजार रुपये जमा करके छह माह का प्री पीएचडी कोर्स करना होगा। इसी दौरान 100-100 अंक के दो और 50 नंबर का एक पेपर होगा। शोधार्थी को हर पेपर में 50 फीसदी अंक हासिल करने होंगे। तभी वह पास माना जाएगा। एग्जाम में पास रिसर्चर मेरिट के आधार पर मनचाहे कॉलेज में एडमिशन ले सकता है।

आरडीसी देगा टॉपिक

रिसर्चर को किस टॉपिक पर रिसर्च करनी है। यह आरडीसी (रिसर्च डिग्री कमेटी) तय करेगी। इसके बाद रिसर्चर को रिसर्च की रूपरेखा तैयार करनी होगी, फिर वह अपनी रिसर्च शुरू कर सकता है।

वर्जन

बीते पांच साल से बॉटनी, फिजिक्स, एनिमल साइंस के रिसर्च में कोई भी एडमिशन नहीं हुआ है। कॉमन टेस्ट हो चुका है। रिसर्चर प्री पीएचडी कोर्स में भाग ले चुके हैं।

एसएम सिंह, डीन फैकल्टी एप्लाइड सांइस