- पिता की मौत के बाद हुआ नकली होने का शक तो ट्यूजडे को पीडि़त ने एसएसपी से की शिकायत

- ड्रग इंस्पेक्टर की जांच में भी इंजेक्शन संदिग्ध पाए जाने के बाद मेडिकल संचालक पर रिपोर्ट दर्ज करने के एसएसपी ने दिए निर्देश

बरेली: कोरोना महामारी के चलते लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए मेडिकल सर्विसेज देने वालों ने जमकर उगाही की। मामूली दवाएं व इंजेक्शन भी कई गुना ज्यादा दामों में बेचे गए। इसके चलते शिकायतें मिलने पर मेहता सर्जिकल्स का लाइसेंस सस्पेंड करने और कार्रवाई का सिलसिला अभी थमा नहीं था कि एक अन्य गंभीर मामला फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र से सामने आ गया। जहां एक युवक को एक स्थानीय मेडिकल संचालक ने हजारों रुपये लेकर दो रेमेडिसिवर इंजेक्शन दिए, लेकिन वह भी नकली निकले। युवक को जब इस पर शक हुआ तो उसने ट्यूजडे को एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से मामले की शिकायत की। इसके बाद जब ड्रग इंस्पेक्टर से इंजेक्शन की जांच कराई गई, उसमें भी वह संदिग्ध निकला। इस पर एसएसपी ने फतेहगंज पश्चिमी पुलिस को मेडिकल संचालक समेत दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

12 अप्रैल को हुए थे संक्रमित

फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के मोहल्ला साहूकारा के रहने वाले संस्कार अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता मनोज कुमार तबियत खराब होने के बाद 19 अप्रैल को आई कोविड टेस्ट रिपोर्ट में संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां हालत बिगड़ने पर उपचार कर रहे डॉक्टर ने उन्हें रेमेडिसिवर इंजेक्शन प्रेसक्राइब किया था। इस पर उन्होंने इलाके के ही मनोहर मेडिकल के संचालक अनमोल अग्रवाल और प्रियांक अग्रवाल से इंजेक्शन के लिए संपर्क किया था। उनके मुताबिक मेडिकल स्टोर के मालिक ने उन्हें कोविप्रि नाम का एक इंजेक्शन बढि़या बताकर दे दिया था। जोकि उन्होंने क्षेत्र का स्टोर होने के नाते भरोसा करके खरीद लिया था।

ऐसे खुली पोल

संस्कार ने बताया कि पीलीभीत बाईपास स्थित अस्पताल में हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने पिता को हायर सेंटर रेफर कर दिया था। इस पर वह पिता को लेकर दिल्ली एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन इससे पहले ही वह मनोहर मेडिकल स्टोर से 90 हजार रुपये में दो रेमेडिसिवर इंजेक्शन खरीद चुके थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भी पिता की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और 12 मई को वहां उनके पिता ने अस्पताल में ही आखिरी सांस ली। इसके बाद उन्हें इंजेक्शन पर कुछ संदेह हुआ, लेकिन पिता के अंतिम संस्कार में व्यस्त हो गए। अब समय मिलने पर उन्होंने कुछ परिचित लोगों को इंजेक्शन दिखाया तो उन्होंने भी उसे नकली बता दिया।

ड्रग इंस्पेक्टर को भी संदेह

कई लोगों से इंजेक्शन नकली होने की बात सुनने के बाद संस्कार ने मामले की शिकायत ट्यूजडे को एसएसपी रोहित सिंह सजवाण से की। इस पर एसएसपी ने इंजेक्शन लेकर ड्रग इंस्पेक्टर को जांच करने के निर्देश दिए। जांच में ड्रग इंस्पेक्टर ने भी इंजेक्शन पर संदेह होने की बात कही। इस पर वेडनसडे को एसएसपी ने फतेहगंज पश्चिमी पुलिस को इंजेक्शन बेचने मेडिकल संचालक समेत दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दे दिए। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में दबिशें दे रही है।

खंगाली जाएगी पूरी चेन

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि इंजेक्शन पर संदेहजनक रिपोर्ट मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इंजेक्शन सप्लाई की पूरी चेन को खंगाला जाएगा। मुमकिन है कि इसमें स्थानीय मेडिकल स्टोर के साथ ही कई बड़े सप्लायर भी शामिल होंगे। जल्द ही उनका पर्दाफाश कर गिरफ्तारी की जाएगी। साथ ही ड्रग विभाग की मदद से अन्य नकली रेमेडिसिवर इंजेक्शन बेचने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी।