बरेली बना sensitive

बीते सालों में हुए दंगों की वजह से बरेली सेंसिटिव बन गया है इसलिए पुलिस-प्रशासन को ज्यादा अलर्ट रहना पड़ता है। पिछले साल जुलाई-अगस्त के बाद हर त्यौहार पर एक्स्ट्रा फोर्स लगाई जा रही है। सावन और रमजान के लिए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गईं। शांति बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों की एक्स्ट्रा ड्यूटी लगाई गई।

चौरासी कोस ने तोड़ी उम्मीद

सावन और रमजान के शांतिपूर्वक निपटने के बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली। पुलिसकर्मियों को छुट्टी की उम्मीद जगी, लेकिन जल्द ही टूट गई। सरकार ने चौरासी कोस यात्रा पर रोक लगा दी। ऐसे में फिर से सभी की छुट्टियां रोक दी गईं। कई पुलिसवालों की ड्यूटी सिटी से बाहर अलग-अलग एरिया में लगा दी गई। इसके अलावा सिटी में भी एक्स्ट्रा ड्यूटी ली जाने लगी।

फिर मुजफ्फरनगर हिंसा

चौरासी कोस यात्रा का मामला निपटने के बाद सभी फिर आस लगाए बैठे थे कि छुट्टी मिलेगी पर मुजफ्फरनगर में हिंसा हो गई। डिस्ट्रिक्ट में पहले से पुलिस की कमी थी। इसलिए और ज्यादा ड्यूटी लगने लगी। फील्ड में रहने वाले पुलिसकर्मियों की ड्यूटी का तो कोई टाइम ही नहीं रहा। पुलिस ऑफिसेज में तैनात पुलिसकर्मियों और थानों के मुंशियों को भी फील्ड ड्यूटी में लगा दिया गया। किसी की ड्यूटी रेड स्कीम में लग गई तो किसी की ऑपरेशन ऑल आउट में।

एक दर्जन पुलिसकर्मी absent

अधिक संख्या में ड्यूटी का असर मंडे शाम को भी नजर आ गया। एसपी क्राइम ने ऑल आउट स्कीम के तहत लगे पुलिसकर्मियों की जांच की तो पाया कि करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी अब्सेंट दिखे। एसपी सिटी ने बताया कि सभी को अब्सेंट रहने का कारण पूछा जा रहा है। सिटी की संवेदनशीलता को देखते हुए फोर्स को सड़क पर दिखना जरूरी है। जरूरतमंदों को छुट्टी भी दी जा रही है।