मरीजों को पहली वैक्सीन लगाने के बाद रेफर कर रहे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

एडी हेल्थ के आदेश भी ठेंगे पर, स्टाफ और स्टॉक के बावजूद चालबाजी

BAREILLY:

बरेली में कुत्ता काटने के मामलों ने पिछले कुछ दिनों में बढ़े हैं। खासतौर पर बहेड़ी व मीरगंज समेत अन्य एरियाज में कुत्तों की दहशत ज्यादा है। अफसोस, कुत्ता काटने से जख्मी पीडि़तों को इलाज देने की बजाय परेशान कर रहे हैं। सीएचसी-पीएचसी के डॉक्टर्स एंटी रैबीज वैक्सीन का पहला इंजेक्शन लगाकर पीडि़त को रेफर कर दे रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ऐसे कई मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं, जिन्हें वैक्सीन का पहला इंजेक्शन सीएचसी पर लगा, लेकिन बाकी के इंजेक्शन के लिए रेफर कर दिया गया।

जिम्मेदारी में कामचोरी

डॉग बाइट्स पेशेंट्स को एआरवी की सुविधा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर भी शासन ने मुहैया करायी है। ताकि, मरीजों को नजदीकी हेल्थ सेंटर में ही वैक्सीन लग जाए। हैरत की बात यह है कि वैक्सीन होने इस व्यवस्था के लागू होने के बावजूद कई सीएचसी-पीएचसी पर मरीजों को एआरवी नहीं लगाया जा रहा है। सीएचसी-पीएचसी पर स्टाफ व डॉक्टर्स मरीजों को वैक्सीन लगाने की मेहनत से बचने को धड़ाधड़ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर रहे हैं।

रेफरल रूल का मिसयूज

सीएचसी-पीएचसी से आए मरीजों को रेफर किए जाने की स्थिति में ही एआरवी लगाने के निर्देश थे। वहीं सीएमएस ने सीएचसी-पीएचसी पर एआरवी का स्टॉक होने के बावजूद मरीजों के रेफर करने पर सीएमओ डॉ। विजय यादव से आपत्ति जताई थी। इसका तोड़ निकालते हुए सीएचसी-पीएचसी ने खेल किया। फतेहगंज पश्चिमी व मझगंवा समेत अन्य सीएचसी-पीएचसी पर मरीजों को एआरवी का पहला इंजेक्शन भी लगा दिया, जिससे आपत्ति न जताई जा सके। वहीं रेफर स्लिप थमाकर मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से इलाज कराने की व्यवस्था कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

हॉस्पिटल का स्टॉक कम

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में शहर के अलावा रूरल एरियाज के भी दर्जनों मरीज रोजाना एआरवी लगाने पहुंच रहे हैं। हर दिन 100 से ज्यादा मरीज ओपीडी में एआरवी लगवाने पहुंच रहे हैं। इस पर पिछले महीने ही सीएमएस डॉ। केएस गुप्ता ने ओपीडी में नोटिस चस्पा कर दी। साथ ही एडी हेल्थ डॉ। प्रमिला गौड़ से हॉस्पिटल में एआरवी का स्टॉक तेजी से खत्म होने की चिंता जताई। सीएमएस के मुताबिक हॉस्पिटल में एआरवी का स्टॉक बेहद कम हो गया है। यह स्टॉक 15 से 20 मार्च तक कभी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। पिछली बार स्टॉक खत्म होने के करीब 7 दिन बाद निदेशालय से एआरवी की सप्लाई हो सकी थी।

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फोटो 1- फतेहगंज पश्चिमी के उनाली पटवईयां निवासी अनस कुमार को कुत्ते ने काट लिया। 25 फरवरी को फतेहगंज पश्चिमी सीएचसी में उसे एआरवी का पहला इंजेक्शन लगाया गया। 28 फरवरी को उसके दोबारा इंजेक्शन लगाने के लिए पहुंचने पर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर लौटा दिया गया।

फोटो 2- 25 फरवरी को मझगवां निवासी विजयपाल उम्र 40 साल को भी आवारा कुत्ते ने काट लिया था। वह उसी दिन मझगवां सीएचसी पहुंचे। एआरवी का पहला इंजेक्शन लगाने के बाद वह तीसरे दिन दोबारा 28 फरवरी को पहुंचे तो उन्हें भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।

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सीएचसी-पीएचसी में एआरवी का स्टॉक होने के बावजूद मरीजों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर किया जा रहा है। एडी हेल्थ से इस संबंध में कंप्लेन हुई है। सीएचसी-पीएचसी की मनमानी पर रोक नहीं लगाई जा रही। हॉस्पिटल का एआरवी का स्टॉक काफी कम हो गया है।

- डॉ। केएस गुप्ता, सीएमएस