- घर से भागे दो नाबालिगों के जीआरपी ने छीन लिये रुपए

-किशोरों के आरोपों को जीआरपी इंस्पेक्टर ने किया खारिज

<- घर से भागे दो नाबालिगों के जीआरपी ने छीन लिये रुपए

-किशोरों के आरोपों को जीआरपी इंस्पेक्टर ने किया खारिज

BAREILLYBAREILLY:

रेलवे जंक्शन पर जीआरपी पुलिस के जवानों ने दो नाबालिगों लड़कों को लूट लिया। घर से भागे दोनों नाबालिग भटकते हुए जंक्शन पहुंच गए थे। इस दौरान उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और पूछताछ करते हुए जीआरपी थाने ले गए। दोनों लड़कों का आरोप है पूछताछ के दौरान उनके जेब से पुलिस ने रुपए निकाल लिये। चाइल्ड लाइन भेजे जाने पर उन्होंने पुलिस से अपने रुपए मांगे तो उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया।

नाराज होकर छोड़ा था घर

शाहजहांपुर जनपद थाना मदनापुर के गांव दिव्या हुसैनपुर निवासी क्ब् वर्षीय किशोर गोपाल ने बताया कि वह पिछले दिनों परिजनों से नाराज होकर घर से भागा था। उसके पास रुपयों नहीं थे तो उसने घर पर रखी साइकिल क्क् सौ रुपए में बेच दी और ट्रेन पर बैठकर बरेली पहुंचा था। शहर पहुंचते ही वह क्भ् मई को जीआरपी के हत्थे चढ़ गया। जीआरपी ने पकड़कर उसकी तलाशी ली और उसकी जेब में रखे एक हजार रुपए छीन लिए और उसे धमका दिया। जब उसने रुपए छीनने का विरोध किया तो विरोध किया तो उसके साथ मारपीट भी की, और उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। पूछताछ में गोपाल ने बताया उसके पिता सुदेश सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। मां अलका देवी गांव के स्कूल में खाना बनाती हैं। भाई गोविन्द नोएडा के एक कॉल सेंटर में जॉब करता है। पीडि़त ने बताया कि वह जीआरपी से पैसे वापस करने के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस ने पैसे नहीं दिए।

नहीं जाना चाहता था स्कूल

रायबरेली के कानपुर कढ़ईया बाजार निवासी राजकुमार का क्ख् वर्षीय बेटा संजय स्कूल ने स्कूल जाने के डर से घर छोड़ दिया। संजय स्कूल नहीं जाना चाहता और उसके परिजन उसे पढ़ाना चाहते थे और पीटकर स्कूल भेजते थे। जिससे तंग वह घर छोड़कर वहां से भाग निकला और ट्रेन से शहर जंक्शन पर पहुंच गया। जहां पर उसे जीआरपी ने पकड़ लिया और उसकी जेब में रखे दो हजार रुपए छीने लिए। संजय का आरोप है कि जब उसने रुपए छीनने का विरोध कर जंक्शन पर शोर मचाया तो जीआरपी ने उसके साथ मारपीट की और चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया, जहां से उसे शेल्टर होम भेज दिया गया। संजय ने बताया कि उसके पिता दिल्ली की फैक्ट्री में काम करते है, उन्होंने उसका एडमिशन वहीं एक स्कूल में कराया था, लेकिन वह पढ़ना नहीं चाहता है, जिससे तंग आकर वह वहां से भाग निकला।

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मैं पूरा दिन जीआरपी थाने पर ही बैठता हूं, पैसे छीनने की बात सरासर गलत है। इसके बाद भी अगर कोई शिकायत है तो मुझसे आकर मिले, तभी मामला संज्ञान में आएगा।

सुनील दत्त जीआरपी इंस्पेक्टर