-प्रारम्भिक जांच में आतंकी साजिश की पुष्टि नहीं हो सकी, एफएसएल रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा

<-प्रारम्भिक जांच में आतंकी साजिश की पुष्टि नहीं हो सकी, एफएसएल रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा

BAREILLY:

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राज्यरानी एक्सप्रेस के डिरेल होने की भीषण दुर्घटना में किसी आतंकी साजिश की फिलहाल पुष्टि नहीं हो सकी है। हादसे के बाद एटीएस की बरेली इकाई ने दो दिन तक मौके की पड़ताल की लेकिन शुरुआती पड़ताल में कोई आतंकी साजिश के तार नहीं मिले हैं। एटीएस ने जांच के लिए घटनास्थल की मिट्टी, गिट्टी बैरेस्ट, चटकी पटरी और अन्य साक्ष्यों को फॉरेंसिक लैब भेजा है। रिपोर्ट क्भ् से ख्0 दिन में आने की संभावना है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही क्लियर हो सकेगा कि ट्रेन के डिरेल होने की वजह बनी पटरी आखिर कैसे मुड़ी।

90 मीटर में 8 जगह फ्रैक्चर

सूत्रों के मुताबिक मेरठ से लखनऊ जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना रामपुर में कोसी नदी का पुल पार करने के बाद हुई। रेलवे नियमानुसार एक रेलवे ट्रैक में ख्म्0 मीटर पर ज्वाइंट होता है। जिस ट्रैक पर ट्रेन दुर्घटना हुई उसके लगभग 90 मीटर के हिस्से में पटरी पर आठ जगहों पर फ्रैक्चर था। इन फ्रैक्चर वाली जगहों पर जॉगल प्लेट बांधी गई थीं। अब तक की जांच में पता चला है कि कमजोर ट्रैक पर भी उस दिन राज्यरानी एक्सप्रेस से पहले भी पांच ट्रेनें निकल चुकी थीं। इतने कम अंतराल में पटरी काटे जाने या गैस कटर से अलग किया जाना संभव नहीं।

न विस्फोटक मिला न गैसकटर

एटीएस की टीम ने दो दिन तक रामपुर में घटनास्थल और उसके आगे पीछे के कई किलोमीटर का ट्रैक क्षेत्र छाना। न तो घटनास्थल पर कोई गैसकटर मिला और न ही आरी या ऐसा कोई हथियार जिससे ट्रैक की पटरियां काटे जाने की पुष्ि1ट हो सके।

जांच में सामने आए यह तथ्य

-आरी से काटे जाने या गैस कटर से अलग किए जाने पर पटरी पर अलग हुई पटरी अलग तरह के निशान मिलते हैं।

-घटनास्थल पर पटरियों के टुकड़ों और किसी भी सिरे पर आरी या गैस कटर के निशान नहीं मिले।

-ट्रैक या उसके आसपास न विस्फोटक सामग्री मिली और न ही मिट्टी से विस्फोटक पदार्थ।

-ट्रैक ज्वाइंट के नट बोल्ट खुले होने के बारे में किसी से पुष्टि नहीं हो सकी।