-गोवंशीय अधिनियम के बढ़ते मुकदमे बयां कर रहे इसकी हकीकत

-वर्ष 2014 में जहां 182 मामले थे जो वर्ष 2016 में बढ़कर पहुंच गए 237

BAREILLY: पशु तस्करी पर लगाम लगाने के लिए शासन तमाम दावे करता है। शासन और पुलिस हेडक्वार्टर से भी समय-समय पर निर्देश जारी होते हैं कि किसी भी हालत में पशु तस्करी नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके पशु तस्करी का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। पशु तस्करी रोकने में पुलिस नाकामयाब साबित हुई है। वर्ष 2014 में जहां बरेली में गोवंशीय अधिनियम के तहत 182 मुकदमे दर्ज किए गए थे। वहीं वर्ष 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 237 हो गया है। यह आंकड़ा नवंबर माह तक का है और दिसंबर माह में भी लगातार पशु तस्करी के मामले पकड़े जा रहे हैं।

जोन में आंकड़ा 1384 पहुंचा

पशु तस्करी के मामले सिर्फ बरेली डिस्ट्रिक्ट में ही सामने नहीं आ रहे हैं। बल्कि बरेली जोन के सभी 9 जिलों में भी जमकर पशु तस्करी हो रही है। बस कहीं संख्या कम है तो कहीं ज्यादा है। जबकि बरेली इस मामले में सबसे ऊपर है। बरेली के बाद दूसरे नंबर पर पीलीभीत में 205 मुकदमे दर्ज हैं। उसके बाद संभल, बदायूं, शाहजहांपुर व अन्य जिलों का नाम आता है। बरेली जोन की बात करें तो वर्ष 2016 में नवंबर माह तक गोवंशीय अधिनियम के तहत 1384 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। जोन में वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 1209 और वर्ष 2014 में 1186 था।

ठूंस कर ले जाते हैं पशुओं को

पशु तस्कर एक साथ सौ के ऊपर संख्या में पशु बरामद किए हैं। जिसे पशु तस्कर ट्रकों या अन्य व्हीकल में ठूंसकर भरकर लेकर जाते हैं। बरेली में कई बार एक, दो या तीन ट्रक में 100 से अधिक संख्या में प्रतिबंधित पशु बरामद किए गए हैं। कभी बड़ा बाईपास, तो कभी मिनी बाईपास और तो कभी दिल्ली हाईवे पर पशु तस्करी का मामला पकड़ा जाता है।

जोन में दर्ज केसेज

237-बरेली, 185-बदायूं, 205-पीलीभीत, 154-शाहजहांपुर, 88-अमरोहा, 59-बिजनौर, 107-मुरादाबाद, 152-रामपुर, 197-संभल