- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पैनल डिस्कशन में बुद्धजीवियों ने रखे अपने विचार

- डिबेट में लोगों ने कहा नगर निगम को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी

<- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पैनल डिस्कशन में बुद्धजीवियों ने रखे अपने विचार

- डिबेट में लोगों ने कहा नगर निगम को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी

BAREILLY:

BAREILLY:

सार्वजनिक स्थान पर लगे आरओ भी दूषित पानी उगल रहे हैं, जिसे पब्लिक शुद्ध पानी समझ कर पी रही है, जो कि पेट संबंधित तमाम गंभीर बीमारियों का कारण बन रही है। इस बात को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अपने अभियान 'पानी में धोखा' के जरिए सबके सामने लाया, जिसके बाद शहरवासियों की चेतना जागृत हुई और अपने घरों में सप्लाई हो रहे पानी का टीडीएस भी चेक कराया। अभियान से शहर के डॉक्टर्स, सोशल एक्टिविस्ट, व्यापारी, आरओ एक्सपर्ट और प्रोफेसर जैसे बुद्धजीवियों को जोड़ते हुए ट्यूजडे को हमने अपने ऑफिस के कॉन्फ्रेंस हॉल में डिबेट करायी। आइए जानते हैं डिबेट में आए सुझावों के बारें में

बॉक्स मैटर

नगर निगम ने खर्च किए मात्र म्म् रुपए

आरटीआई एक्टीविस्ट व एडवोकेट मुहम्मद खालिद जीलानी ने पीने के पानी के संबंध में नगर निगम में क्फ् फरवरी ख्0क्भ् को एक आरटीआई डाली थी। जीलानी ने नगर निगम अधिकारियों से कितने वर्ष से भू-गर्भ जल की जांच नहीं कराई है, भू-गर्भ जल अशुद्ध है या शुद्ध, क्भ् वर्ष में व‌र्ल्ड बैंक, डब्ल्यूएचओ, केंद्र व राज्य सरकार या अन्य संस्थाओं से मिले धनराशि का उपयोग का विवरण सहित 8 प्वॉइंट पर जवाब मांगा था। जवाब में नगर निगम ने पानी के सैम्पल की जांच में मात्र म्म् रुपए खर्च किया है। पानी के सैम्पल की जांच नगर निगम ने राज्य स्वास्थ्य संस्थान लखनऊ में ख्फ् अगस्त ख्0क्ब् को कराई थी। जांच में सारे सैम्पल पॉजिटिव पाये गये थे।

डिबेट में आये सुझाव

- नगर निगम समय-समय पर ले पीने के पानी का सैम्पल।

- शहर में लगे वाटर टैंक की प्रॉपर साफ-सफाई कराते रहें

- वाटर टैंक में समय-समय पर क्लोरीन डालें

- पानी के लिए बोर सही स्थान पर किया जाए।

- पानी सप्लाई की जर्जर पाइप लाइन को सही कराया जाए।

- ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकॉर्डर लगाए।

- टैक्स जमा करने वालों को शुद्ध पानी मिल सके नगर निगम यह सुनिश्चित करे।

- सार्वजनिक स्थान पर लगे आरओ को अधिकारी मॉनीटर करें।

- पब्लिक को भी चाहिए कि वह सरकारी सम्पत्ति की केयर करें।

पीने के पानी में टीडीएस अधिक होने पर स्टोन, दांत में प्रॉब्लम्स और डाइजेशन सिस्टम गड़बड़ हो सकता है। दूषित पानी पीने से इस समय लोगों में ऑर्थराइटिस की प्रॉब्लम्स भी बढ़ रही है।

डॉ। अशोक कुमार, डिप्टी सीएमओ, जिला अस्पताल

शादी और पार्टियों में कैम्फर से पानी सप्लाई हो रही है। उसमें साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जाता है। वहीं नगर निगम ने पिछले कुछ वर्षो में क्लोरिनेशन और फॉगिंग नहीं कराया है।

एसके कपूर, समाजसेवी

हमें इस बात का ध्यान देना चाहिए। आरओ एक सीमा तक ही पानी को फिल्टर करेगा, जहां गंदे पानी का जलभराव है वहां पर बोर नहीं होना चाहिए। वहां के पानी में पीलापन होता है।

डॉ। विकास पटेल प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान, बीसीबी

दूषित पानी पीने से लोगों में थॉयराइड का लेवल बढ़ रहा है। इससे पेट जनित बीमारी का खतरा अधिक रहता है। आरओ में टीडीएस को सही सेट करना चाहिए।

डॉ। अंजनी कुमार, फिजिशियन, गंगाचरण

अधिक पानी का सेवन करना भी बीमारी का कारण है। यदि किसी व्यक्ति का वजन म्0 केजी है, तो वह चार लीटर पानी पी सकता है।

विशेष कुमार, सोशल एक्टिविस्ट

शहर में राजेंद्र नगर सहित कुछ एरिया ऐसे भी हैं जहां पर पानी पीने लायक तो दूर की बात नहाने लायक भी नहीं हैं। नगर निगम अधिकारियों से मिलकर समस्या से अवगत कराया जाएगा।

सुनील खत्री, प्रदेश युवा प्रभारी, पश्चिमी यूपी संयुक्त व्यापार मंडल

शहर में पानी सप्लाई और उसकी शुद्धता की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन अधिकारियों ने कभी पानी की जांच नहीं कराई। पब्लिक के स्वास्थ्य के प्रति निगम कितना जिम्मेदार है इस बात से पता चलता है।

मुहम्मद खालिद जीलानी, एडवोकेट

आरओ लगाने से पहले टीडीएस का चेक किया जाना जरूरी है। कुछ लोग बिना टीडीएस चेक कराये ही आरओ लगा लेते हैं, पता चला कि पानी शुद्ध होने के बावजूद उसमें मौजूद आवश्यक मिनरल बाहर निकल गया।

मोहम्मद शाकिब, एक्सपर्ट, आरओ

आज यह लोग नहीं समझ पाते हैं कि टीडीएस कितना होना चाहिए। कैंटोनमेंट बिना आरओ के भी लोगों को शुद्ध पानी पिला रहा है। यदि पानी में टीडीएस अधिक है, तो फिल्टर भी जल्दी खराब होने का चांस रहता है।

मोहम्मद जहां, एक्सपर्ट, आरओ