बरेली : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शहर में पब्लिक प्लेसेज पर ऑटोमेटिक और टच फ्री हैंड सैनेटाइजर मशीनें लगवाई गई थीं। कई ऑफिसेज में तो समाजसेवियों ने भी हैंड सैनेटाइजर मशीन लगवाई थी। लेकिन यह मशीनें कुछ दिन बाद ही बदहाल होने लगी। आम पब्लिक के लिए लगवाई गई इन हैंड सैनेटाइजर मशीनों को देखकर लगता है कि अवेयनेस अब बीते समय की बात हो गई है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मंडे को शहर के रेलवे जंक्शन, रोडवेज स्टैंड, जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट, एसएसपी ऑफिस और तहसील सदर में लगी हैंड सैनेटाइजर मशीन का रियलिटी चेक किया। इसमें से अधिकांश मशीनें खराब हालत में मिली। इसमें कुछ मशीनें चलताऊ हालत में थी तो उन्हें कंडम बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही थी। एक दो जगह हैंड सैनेटाइजर मशीन चलती भी मिली लेकिन वहां पर कोई अवेयनेस नहीं दिख रही थी। जिस कारण आने वाले बगैर हैंड सैनेटाइज किए ही अफसरों के पास पहुंच रहे थे। आइए बताते हैं आपको शहर के पब्लिक प्लेसेज का हाल

एसएसपी ऑफिस

एसएसपी ऑफिस में आने वाले फरियादियों के लिए टच फ्री हैंड सैनेटाइजेशन मशीन लगवाई थी। ताकि कोई भी फरियादी हैंड सैनेटाइज किए बगैर अफसरों के पास न जाए। लेकिन दोपहर करीब 12 बजे आने वाले फरियादी आकर सोशल डिस्टेंसिंग कर लाइन में तो लग रहे थे और अपनी शिकायत लेकर अफसरों के पास तक जा रहे थे। यहां ऑफिस में लगी हैंड सैनेटाइजेशन मशीन चालू हालत में भी थी लेकिन कोई फरियादी हैंड सैनेटाइज करने के लिए मशीन तक नहीं आ रहा था।

जिला अस्पताल ने उमड़ रही भीड़

जिला अस्पताल में अनलॉक-5 के बाद से पेशेंट की खूब भीड़ उमड़ रही है, भीड़ बढ़ने से सोशल डिस्टेंसिंग भी फॉलो नहीं हो पा रही है। यहां लगवाई गई ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन खराब पड़ी है। इसके अलावा हॉस्पिटल आने वाले पेशेंट के लिए भी हैंड सैनेटाइजर की भी कोई ठीक व्यवस्था नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जबकि हॉस्पिटल में अधिक अवेयनेस दिखनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं था।

रेलवे जंक्शन

रेलवे जंक्शन पर सभी पैसेंजर्स रेलवे प्लेटफार्म पर एंट्री से पहले अपने हैंड सैनेटाइज करें। इसके लिए जंक्शन के मेन एंट्री गेट के सामने दो टच फ्री हैंड सैनेटाइजर मशीनें लगवाई गई थी। इसके साथ एक सैनेटाजर मशीन भी लगवाई गई। लेकिन जब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई गई तब तक तो यह मशीने ठीक दिखी लेकिन अब इन मशीनों में न तो सैनेटाइजर फिल किया जाता है और यह मशीनें भी खराब होने की कगार पर हैं। सिर्फ एक मशीन हैं जिससे पानी से हैंड वॉश किए जा सकते हैं जबकि दूसरी मशीन खराब है।

ओल्ड रोडवेज

ओल्ड रोडवेज पर सबसे अधिक पैसेंजर्स आते जाते हैं, यहां पर आने वाले पैसेंजर्स के लिए ऑटोमेटिक हैंड सैनेटाइजर मशीन भी लगवाई गई। लेकिन यह मशीन कुछ दिन चलने के बाद शोपीस बनकर रह गई है। अब इस मशीन से हैंड सैनेटाइज नहीं किए जा सकते हैं। मशीन खराब है। इससे आने वाले पैसेजर्स और कर्मचारी या तो अपना सैनेटाइजर लेकर आते है या फिर बगैर हैंड सैनेटाजेशन के मन मर्जी घूमते हैं।

कलेक्ट्रेट

-कलेक्ट्रेट गेट में एंट्री करते ही बाई तरफ टच फ्री हैंड सैनेटाइजेशन मशीन लगवाई गई थी। इसमें एक तरफ सैनेटाइजर तो दूसरी तरफ पानी से हैंड वॉश कर सकते थे। मंडे को इस मशीन को देखा गया तो बेसिन में कचरा भरा होने से पूरी बेसिन में पानी भरा हुआ था। जबकि सैनेटाइजर तो था ही नहीं। इसे देखकर लग रहा था कि इस मशीन को कई दिन से किसी ने यूज ही नहीं किया।

तहसील सदर

तहसील के मेन गेट के बाई तरफ टच फ्री हैंड सैनेटाइजर मशीन लगवाई थी। अधिक भीड़ फरियादियों की आने के कारण मेन गेट बंद कर छोटा गेट ओपन किया गया। ताकि जरूरतमंद ही गेट के अंदर एंट्री करें। लेकिन गेट से एंट्री करने वाले आ जा तो रहे थे लेकिन कोई हैंड सैनेटाइजर मशीन से हैंड सैनेटाइज करना तो दूर उस तरफ से होकर भी नहीं निकल रहा था।

पब्लिक प्लेसेज पर हैंड सैनेटाइजेशन मशीने इसीलिए ही लगाई गई थी ताकि सभी को उसका लाभ मिल सके। लेकिन अब तो अधिकांश पब्लिक प्लेसेज पर तो सिर्फ नाम के लिए सैनेटाइजेशन मशीन लगी है। मशीन खराब पड़ी हैं।

सत्येन्द्र

अधिकांश पब्लिक प्लेसेज पर हैंड सैनेटाजर मशीने खराब हैं। इससे लोगों को तो प्रॉब्लम हो ही रही है, इसके साथ ऑफिसेज में बगैर हैंड सैनेटाइज किए लोग जा रहे हैँ इससे संक्रमण का भी खतरा बढ़ा हुआ है।

त्रिभुवन