- जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और महाश्रृंगार के बाद खुले मंदिरों के पट

BAREILLY:

सावन माह के शुभारंभ के साथ ही नाथ नगरी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठी। भोर में मंदिरों के पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन कर शीश झुकाकर मन्नतें मांगी। सुबह सवेरे नाथ नगरी के सातों नाथ की छटा देखते ही बन रही थी। ऐसा लग रहा था मानो नाथ नगरी श्रद्धालुओं समेत शिवालय भी सावन माह का बेसब्री से इंतजार कर रहे हों। सुबह से ही शुरू हुए दर्शन पूजन का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। इसके बाद मंदिरों के पट बंद हुए फिर शाम को दर्शनार्थियों ने मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन और आरती की।

लग गई लंबी लाइन

शिव का प्रिय सावन माह का शुभारंभ वेडनसडे को सूर्योदय के साथ हुआ। सूर्योदय से पहले ब्रह्मामुहूर्त में नाथ नगरी के सभी शिवालयों में महंत और पुजारियों ने जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और महाश्रृंगार किया था। इसके बाद पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिव दर्शन कर माथे पर रोली चंदन का टीका लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। कइयों ने अपनी मन्नत के अनुसार रुद्राभिषेक भी करवाया। देर शाम मंदिर कमेटी के निर्देशन महाआरती का आयोजन किया गया। धोपेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी घनश्याम ने बताया कि 22 जुलाई को मंदिर का जत्था हरिद्वार जाएगा। 6 अगस्त को विशाल रुद्राभिषेक कार्यक्रम होगा।

गंगोत्री नहीं जाएंगे जत्थे

सावन के शुभारंभ के साथ ही इस बार धोपेश्वरनाथ मंदिर के जत्थे ने गंगोत्री से गंगाजल लाकर जलाभिषेक का प्रोग्राम बनाया था। लेकिन वहां भारी बरसात से भूस्खलन होने से फिलहाल गंगोत्री जाने का निर्णय टाल दिया गया है। मंदिर कमेटी के मुताबिक अब रवाना होने वाली डाक कांवर संगम अथवा हरिद्वार से गंगाजल लेकर आएंगे। जो सावन के पहले सोमवार पर सातों नाथों की परिक्रमा कर शिव का जलाभिषेक करेंगे।