- ऑनलाइन प्रक्रिया होने से हजारों की तादाद में घट गए आवेदन कर्ता

- जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद महज 5 सौ के करीब स्टूडेंट्स मिले पात्र

<- ऑनलाइन प्रक्रिया होने से हजारों की तादाद में घट गए आवेदन कर्ता

- जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद महज भ् सौ के करीब स्टूडेंट्स मिले पात्र

BAREILLY: BAREILLY: ऑनलाइन आवेदन की पेंचीदगी के चलते स्टूडेंट्स का छात्रवृत्ति मोह भंग हो रहा है। गत वर्षो में छात्रवृत्ति के लिए जहां हजारों की तादाद में स्टूडेंट्स आवेदन करते थे। अब इस संख्या में जबरदस्त गिरावट होकर इसकी संख्या महज भ्00 ही रह गई है। घटती संख्या पर जब विभाग ने सर्वे किया गया तो पता चला कि ऑनलाइन प्रक्रिया की दिक्कतों के कारण ही ज्यादातर स्टूडेंट्स ने इससे दूरी बना ली है।

फर्जीवाड़ा रोकने की थी योजना

बता दें कि पूर्व दशमोत्तर छात्रवृत्ति में विभिन्न स्कूलों में रजिस्ट्रेशन करवाकर स्टू्रडेंट्स छात्रवृत्ति का लाभ ले रहे थे। आवेदनों की जांच में सैंकड़ों की तादाद में फर्जीवाडा सामने आया। जिस पर वर्ष ख्0क्ब् में शासन ने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की। जिसके चलते फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हासिल करने वालों पर रोक लगी लेकिन दूसरी ओर इससे यह दिक्कत आई कि बहुत से पात्र छात्र ऑनलाइन आवेदन की अड़चनों के चलते आवेदन नहीं कर सके।

नहीं हो सके रजिस्ट्रेशन

अधिकारियों के मुताबिक क् अप्रैल से क्भ् जुलाई के बीच ऑनलाइन आवेदन किए जाने थे। बता दें कि रजिस्ट्रेशन नम्बर मिलने के बाद ही ऑनलाइन आवेदन एक्सेप्ट किए जाते हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया क्भ् जून तक पूरी हुई। जिसकी वजह से स्टूडेंट्स के पास महज माह भर आवेदन के लिए मिल सका। इसमें भी छुट्टियां पड़ने की वजह से केवल ख्0 दिन के भीतर ही उन्होंने आवेदन किए। जिससे जल्दबाजी में खामियां होने से सैंकड़ों आवेदन निरस्त हो गए। सूत्रों के मुताबिक शासन पूर्व दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना को समाप्त करना चाहती है। इसीलिए रजिस्ट्रेशन के बाद शुरू किए जाने वाले आवेदन को पहले ही शुरू कर दिया। जबकि आवेदन प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन के बाद शुरू की जानी थी। ताकि स्टूडेंट्स को भरपूर समय ि1मल सके।

दौड़ भाग ज्यादा रकम कम

छात्रवृत्ति योजना के तहत माइनॉरिटी, ओबीसी, एससी को छात्रवृत्ति दी जाती है। जिसमें सालाना 7भ्0 रुपए मिलते हैं। अधिकारियों के मुताबिक आवेदन करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। आय, आयु, जाति प्रमाणपत्र बनवाना पड़ता है। सारे डॉक्यूमेंट मैनुअली की बजाय ऑनलाइन होने अनिवार्य हैं। ताकि वेरिफिकेशन हो सके। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन के लिए शहर की ओर रुख करना पड़ता है। साइबर कैफे वाले आवेदन के लिए सौ से डेढ़ सौ तक की रकम वसूलकर मनमुताबिक आवेदन करते हैं। सबमिट आवेदन पीएफएमएस के जरिए चेक किए जाते हैं। जिसमें स्पेलिंग मिस्टेक आवेदन निरस्त होने में बड़ी वजह बन रहा है।

छात्रवृत्ति आवेदन का आंकड़ा

जाति ख्0क्फ्-क्ब् क्ब्-क्भ् क्भ्-क्म् एक्सेप्टेड

माइनॉरिटी भ्7भ्क् क्क्भ्0 7भ्ब् क्7ब्

ओबीसी भ्म्फ्ख् क्0ख्ब् म्00 क्70

एससी ब्9फ्0 क्ख्00 900 क्70

आवेदन कम होने पर जांच कराई गई तो स्टूडेंट्स ने आवेदन प्रक्रिया कठिन होने और आवेदन के लिए कम समय होने की बात कही है। रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

जगमोहन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी