- हाईस्कूल और इंटर के रोल नंबर समेत कई डाटा नहीं किए मैच

- समाज कल्याण निदेशालय ने लोकल स्तर पर जांच विभाग को सौंपी

BAREILLY: दशमोत्तर स्कॉलरशिप में पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। करीब सात हजार छात्रों के आवेदन के डाटा सही नहीं पाए गए। इसके बाद समाज कल्याण निदेशालय ने इसकी जांच विभाग को सौंपी है। जांच के दायरे में शहर व ग्रामीण इलाकों के दो दर्जन कॉलेज आ रहे हैं। बता दें कि स्कॉलरशिप का पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर दिया है। ऑनलाइन आवेदन कॉलेज प्रशासन के जरिए वेरिफाई होकर समाज कल्याण विभाग पहुंचते हैं। जिसे निदेशालय भेजा जाता है। मामला पकड़ में आने के बाद आवेदनों की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।

भेजे गए थे 55 हजार फार्म

विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्ष 2015-16 के लिए जिले से करीब 55 हजार स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था। जिसमें 24 कालेजों के लगभग सात हजार छात्रों के आवेदन संदिग्ध पाए गए। स्टूडेंट्स ने अपने हाईस्कूल व इंटर के रोल नंबर जो दर्शाए, वह गलत मिले। इसके अलावा आय प्रमाण में भी क्रमांक ठीक नहीं पाए गए। इसके अलावा माता-पिता के नाम मैच नहीं किए। साथ ही फोटो भी तमाम छात्रों की अलग पाई गई। निदेशालय ने पूरे आवेदनों का संदिग्ध मानते हुए इसकी जांच समाज कल्याण विभाग को सौंपी है।

7 हजार आवेदन संदिग्ध पाए गए। जिसे जांचने के बाद रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी जाएगी। निर्देश के आधार पर कार्रवाई होगी।

एके सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी