-बीसीबी इंटर कॉलेज में आयोजित मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज में आए शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम

- कहा मौलिकता भूले मोदी, विकास के लिए नहीं 'टोपी' न पहनने पर दिया था जनादेश

BAREILLY: राम मंदिर निर्माण का समय राम ही तय करेंगे। राम का काम अब राम की इच्छा से ही होगा। अब किसी पर भरोसा नहीं। राम मंदिर को राम ही बनाएंगे। फ्राइडे को बीसीबी इंटर कॉलेज में आयोजित मकर संक्रांति पर्व के मौके पर बरेली आए शंकराचार्य राज राजेश्वराश्रम महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर पूछे गए सवालों पर यह जवाब दिया। केन्द्र में भाजपा सरकार के डेढ़ साल पूरे होने के बावजूद राम मंदिर निर्माण में देरी होने के सवाल पर शंकराचार्य ने निराशा जताई। केन्द्र में मौजूदा सरकार के कामकाज और देश में असहिष्णुता पर भी शंकराचार्य ने अपना रुख स्पष्ट किया। साथ ही मौजूदा समय में साधु सन्यासियों के व्यवहार पर भी निराशा जताई। कहा साधुओं का ऐसा हाल न होता तो, यह नौबत ही न आती।

खिचड़ी पर ली सरकारों की चुटकी

देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनसे पहले की मिली जुली सरकारों पर शंकराचार्य ने चुटकी ली। कहा कि खिचड़ी बेहद सुपाच्य भोजन है, इससे किसी को दिक्कत नहीं होती। ऐसे ही देश में जब तक खिचड़ी सरकार होती है, तब तक कोई शिकायत नहीं करता। मोदी सरकार की ओर इशारा करते हुए शंकराचार्य बोले कि जब व्यक्ति विशेष की सरकार आती है, तब ही हल्ला होता है। यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव पर भी शंकराचार्य ने मजाक किया, बोले कि नेता किसी भी पार्टी या विचारधारा के हो आखिर में सब एक ही है। यूपी में भी खिचड़ी सरकार बनती दिख रही।

खिसक -खिसक चल रही सरकार

केन्द्र में मोदी सरकार के काम काज पर शंकराचार्य ने नाराजगी जताई। बोले कि सरकार को तेज चलना चाहिए था, लेकिन मोदी सरकार खिसक खिसक कर चल रही। पीएम को गुमान हो गया है, उन्हें गलतफहमी है। जनता ने जो वोट दिए थे, वे विकास के लिए नहीं थे, बल्कि इसलिए दिए गए थे कि उन्होंने 'टोपी' पहनने से इंकार कर दिया था। मोदी मौलिकता को भूल गए हैं।

असहिष्णुता विदेशियों की साजिश

देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर शंकराचार्य बोले कि भारत उदार देश है। यहां हिन्दू तो नागपंचमी के मौके पर सांप को भी दूध पिलाता है। वह कैसे असहिष्णु होगा। यह हिन्दुओं का अपमान करने की अंतराष्ट्रीय साजिश है। जिसके पीछे कुछ इसाई व मुस्लिम मिशनरीज हैं। शंकराचार्य ने असहिष्णुता के माहौल के पीछे इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी जिम्मेदार ठहराया। कहा विदेशी चैनल्स जानबूझ कर ऐसा कर। देश की मौलिकता को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं।