- श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस कथावाचक जगमोहन ठाकुर ने भक्तों को सुनाई रामकथा

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BAREILLY :

भारत जैसा देश नहीं, अयोध्या जैसा तीर्थ नहीं, सरयू जैसी नदी नहीं, कौशल्या जैसी मां नहीं, दशरथ जैसे पिता नहीं और श्रीराम जैसे पुत्र नहीं, यह बात श्रीरामायण मंदिर माधव बाड़ी में चल रही श्रीराम कथा में कथावाचक जगमोहन ठाकुर ने श्रोताओं से कही। उन्होंने कहा कि श्रीराम जी का प्रत्येक चरित्र मानव जीवन का संजीवन है, अनुकरणीय है, अनुसरणीय है। धरती के धूल के कणों की, आसमान के सितारों की, बरसात की बूंदों की गणना तो संभव हो सकती है किंतु चरित्र सिंधु, शील सिंधु, आनंद सिंधु श्री राम के गुणों की गणना संभव नहीं है। वीरेंद्र मुकुट मणि रघुनाथ सरल और सबल स्वामी हैं। उनकी सरलता संसार प्रसिद्ध है। सरल जीवन ही सफल जीवन है.अथवा सरलता में ही सफलता है। इस तथ्य को श्रीरामचंद्र जी ने विश्व में विख्यात कर दिया।

भजन सुन भाव विभ्ाोर श्रोता

जगमोहन ठाकुर ने अंत में भजन गाया गया 'नाम इनका भुलाना नहीं चाहिए, वक्त यूं ही गंवाना नहीं चाहिए, जिसने पूजा नहीं की माता-पिता की, उनको मंदिर में जाना नहीं चाहिए, दोष गैरों के भूले से बोलो नहीं, अपने गुण को बताना नहीं चाहिए, पुण्य कोई भी किसी को बताए नहीं, पाप कोई छुपाना नहीं चाहिए' मीडिया प्रभारी जगदीश भाटिया ने बताया कि कथा का आयोजन 8 अक्टूबर तक प्रतिदिन 6:30 से रात्रि 9:30 बजे तक चलेगा। कार्यक्रम में पवन अरोड़ा, अनिल अरोड़ा और नवीन अरोड़ा आदि मौजूद रहे।