- जिंक और सिलिकॉन कोटेड होने से नहीं होगा शॉर्ट सर्किट

BAREILLY:

झमाझम हुई बारिश में बिजली की लाइनों में हुए शॉर्ट सर्किट से मंडे को कई क्षेत्रों की बत्ती गुल हो गई। कोहाड़ापीर में एक घर के पास से गुजर रही एलटी लाइन में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। बिजली का तार आग की लपटों के साथ जलने लगा। वो तो अच्छा रहा कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई, लेकिन अब इस तरह की घटनाएं बिजली विभाग होने ही नहीं देगा। बारिश के दौरान होने वाले शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए बिजली विभाग जिंक और सिलिकॉन कोटेड बंच कंडक्टर का इस्तेमाल करेगा। जो कि बारिश में जलने से बचाएगा।

एंसुलेशन ब्रेक होने से बचाता है

बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले की बिछी लाइनों में सिम्पल बंच कंडक्टर लगे हुए हैं। बारिश के पानी के सम्पर्क में आकर इसका एंसुलेशन ब्रेक हो जाता है। जिसकी वजह से शॉर्ट सर्किट होने का चांस काफी बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए अब जिंक और सिलिकॉन कोटेड बंच कंडक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें बीच में स्टील होता है बाहर एल्यूमिनियम होता है। इसके बाद जिंक और सिलिकॉन कोटेड होता है, जो कि एंसुलेशन के ब्रेक होने से बचाता है। बारिश के पानी का कोई असर नहीं होता है।

लो और हाई वोल्टेज का ड्रामा खत्म

फिलहाल जहां भी नई लाइन बिछाई जा रही है वहां पर जिंक और सिलिकॉन कोटेड बंच कंडक्टर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। बाद में इस नए बंच कंडक्टर को पहले लाइनों पर लगे सिम्पल बंच कंडक्टर से रिप्लेस किया जाएगा। ताकि, शॉर्ट सर्किट की घटनाओं को रोका जा सके। बिजली विभाग के इस प्रयास से बारिश के दिनों में लाइनों में फॉल्ट आने से बिजली कटौती की जो समस्या रहती है, वह काफी हद तक कम हो जाएगी। वहीं लो और हाई वोल्टेज का ड्रामा भी खत्म हो जाएगा। क्योंकि कई बार एंसुलेशन ब्रेक होने पर शॉर्ट सर्किट नहीं भी होता है, तो लो और हाई वोल्टेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे बिजली के उपकरण फुंकने की चांस काफी बढ़ जाती है।

जिंक और सिलिकॉन के बंच कंडक्टर से शॉर्ट सर्किट होने का चांस नहीं रहता है। बारिश के दिनों में यह काफी कारगर साबित होता है, जिसकी वजह से अब इन्हीं बंच कंडक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

नीरज, एसडीओ, बिजली विभाग