BAREILLY: कॉलेज कैंपस में शिक्षक से लेकर राजनीतिक पार्टियों के नेता राजनीति की रोटी सेंकते रहे हैं लेकिन जब बात छात्र संगठन पर आती है तो कॉलेज के जिम्मेदार झट से उंगली उठा देते हैं। ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि यदि छात्र संगठन राजनीति करना भी चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है। जब सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई तो ये मैनेजमेंट कैसे अड़ंगा डाल सकता है। वैसे भी छात्र संगठन कॉलेज कैंपस में राजनीति नहीं करेंगे तो कहां करेंगे। हालांकि यहां पर मसला एक छात्र संगठन द्वारा कॉलेज में प्रतिभा सम्मान आयोजित करने को लेकर है। जिसमें कॉलेज मैनेजमेंट को राजनीति करने की बू आ रही है।

क्ख् जुलाई को होना है सम्मान समारोह

अछास इंटर बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए बीसीबी में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कराना चाहता है। क्ख् जुलाई को यह सम्मान समारोह होना है। जिसमें शहर के ख्भ् इंटर कॉलेजेज के टॉप टेन स्टूडेंट्स को सम्मानित किया जाता है। करीब ख्भ्0 स्टूडेंट्स को सम्मानित किया जाएगा। असाछ ने इसके लिए कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव को परमीशन लेटर दिया। जिसे प्रिंसिपल ने मैनेजमेंट को फॉरवर्ड कर दिया।

दोबारा मांगा परमीशन लेटर

कॉलेज मैनेजमेंट ने इस समारोह के जरिए राजनीति करने का आरोप लगाकर फिलहाल परमीशन देने से मना कर दिया है। मैनेजमेंट के सेक्रेट्री देवमूर्ति को ऐसा लगता है कि इस समारोह के बहाने छात्र संगठन अपनी राजनीति कर रहे हैं। यहां सवाल यह है कि फिलहाल यह महज एक सम्मान समारोह है। और यदि छात्र संगठन राजनीति करना भी चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है। कैंपस में छात्र राजनीति करने पर बैन किसने लगाया है। अछास के जिला प्रभारी अवनीश चौबे ने बताया कि देवमूर्ति ने दोबारा परमीशन लेटर देने के निर्देश दिए हैं। जिसमें उनसे यह लिखित में मांगा है कि वे कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं और यह कोई राजनीतिक प्रोग्राम नहीं है। कॉलेज कैंपस में इससे पहले भी कई प्रोग्राम्स हुए हैं। जिसमें सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेता शिरकत कर चुके हैं। यही नहीं शिक्षक संघ के इलेक्शन भी होते हैं। जब कैंपस में इस तरह की राजनीति होती आई तो सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम के नाम पर मैनेजमेंट क्यों अपनी राजनीति कर रहा है।