सुपर स्पेशियलिटी विंग को ही मेडिकल कॉलेज बनाने पर डीएम ने मांगा सीएमएस से प्रस्ताव

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज के सेकेंड कैंपस के तौर पर डेवलेप करने की योजना

BAREILLY:

मेडिकल हब बरेली में सरकारी मेडिकल कॉलेज का सपना पूरा होता दिख रहा है। मरीजों को बेहतर और मॉडर्न इलाज की सुविधाएं देने के मकसद से बनाई जा रही सुपर स्पेशियलिटी विंग ही मेडिकल कॉलेज के नए नाम से जानी जाएगी। डीएम गौरव दयाल ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल प्रशासन और सीएमओ से इस बाबत प्रस्ताव तैयार कराने को कहा है। मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी है। इससे पहले शासन को बरेली में 200 बेड का नया मैटरनिटी विंग और एक मेडिकल कॉलेज बनवाए जाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पुराने प्रस्ताव के आधार पर ही नए प्रस्ताव को भेजने की तैयारी है।

700 बेड से ज्यादा की सहूलियत

एक्सपर्ट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के लिए परिसर में कम से कम 700 बेड होने चाहिए। मेंटल हॉस्पिटल की जमीन पर बन रहे सुपर स्पेशियलिटी विंग में मॉडर्न मेडिकल सुविधाओं सहित 300 बेड की व्यवस्था रहेगी। वहीं सरकार से इसी परिसर में 200 बेड वाले नए मैटरनिटी विंग को बनाए जाने को मंजूरी मिली गई है, जिसमें जच्चा-बच्चा, नवजात और प्रसूता तीनों कटेगरी में मेडिकल सुविधाएं दी जाएंगी। इस तरह मरीजों के लिए 500 बेड की व्यवस्था हो गई है। 325 बेड से ज्यादा डिस्ट्रिक्ट मेल हॉस्पिटल में हैं। वहीं फीमेल हॉस्पिटल में 75 से ज्यादा बेड और नई बन रही 100 बेड की मैटरनिटी विंग को जोड़ कर कुल बेड का आंकड़ा 1000 के ऊपर जाता है।

कैंपस के लिए जगह की तलाश

मेंटल हॉस्पिटल के परिसर में बन रहे सुपर स्पेशियलिटी विंग के अलावा करीब 5 एकड़ में 200 बेड वाली नई मैटरनिटी विंग का निर्माण होना है। लेकिन मेडिकल कॉलेज में सिर्फ मरीजों के इलाज की ही व्यवस्था नही होगी। मेडिकल की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स की क्लासेज, हॉस्टल और फैकल्टी के रहने की जगह की भी व्यवस्था होनी है। इसके लिए डीएम ने स्वास्थ्य अधिकारियों से परिसर का दौरा कर उपलब्ध जमीन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है.रिपोर्ट के आधार पर नए निर्माणों की रूपरेखा तैयार की जानी है।

महंगे इलाज से िमलेगी निजात

बरेली में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की जरुरत महसूस की जा रही है। बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बरेली जिले से रोजाना हजारों मरीज बरेली में इलाज के लिए आते हैं। इसी केचलते बरेली में 400 से ज्यादा निजी हॉसिपटल्स व नर्सिग होम्स इलाज दे रहे। जहां मरीजों को मोटी रकम खर्च कर इलाज लेने को मजबूर होना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज बन जाने से गरीब व जरूरतमंद मरीजों का एक बड़ा तबका निजी हॉस्पिटल्स के बजाए सरकारी व्यवस्था से इलाज ले सकेगा।

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सुपर स्पेशियलिटी विंग सहित नई मैटरनिटी में नए 500 बेड की व्यवस्था हो जाएगी। ऐसे में सुपर स्पेशियलिटी विंग सहित ज्वाइंट डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज के तौर पर डेवलेप करने की योजना है। डीएम ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। - डॉ। डीपी शर्मा, एक्टिंग सीएमएस