- ट्रांजेक्ट फॉर्म भरने के नाम पर चलता है खेल

- पिछले दिनों विभाग ने पकड़ा था एक बड़ा रैकेट

>BAREILLY: वाणिज्य कर विभाग टैक्स चोरी न पकड़ सके इसके लिए लोहा और फैब्रिकेट्स कारोबारी नया फंडा आजमा रहे हैं। टैक्स चोरी करने के लिए एक फर्म मालिक ओरिजनल बिल्टी पर जो माल मंगाता है बाकी, सब उसी के आड़ में अपना माल प्रदेश के बाहर से मंगा रहे हैं। इतना ही नहीं ट्रांजेक्ट फॉर्म भरे बिना ही माल को प्रदेश में डिलीवर किया जा रहा है। प्रदेश में इस तरह का खेल कर लोहा और फैब्रिकेट्स कारोबारी हर महीने करोड़ों रुपए का टैक्स चोरी कर रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब मंडे को शहर में वाणिज्य कर की टीम एक मामला पकड़ा। छापेमारी में 11 फर्म में 5 करोड़ रुपए की खरीद-बिक्री का ऐसा माल मिला जिसका टैक्स चुकता नहीं था।

बीच में ही उतर जाता है माल

दरअसल, एक प्रदेश का माल दूसरे प्रदेश से निकलने पर ट्रांजेक्ट फॉर्म भरना होता है। फॉर्म प्रदेश की सड़कों के इस्तेमाल के लिए होता है। उस प्रदेश में माल उतराना इल्लीगल होता है। विभाग की वेबसाइट पर भरे जाने वाले ट्रांजेक्ट फॉर्म में इस बात का जिक्र होता है कि माल किन-किन शहरों से होकर गुजरेगा, लेकिन फैब्रिकेट्स और लोहा की कालाबाजारी कर रहे कारोबारी ऐसा नहीं करते हैं। बिल्टी में सामान कहां से खरीदा गया और कहां पर डिलीवर करना है इस बात का जिक्र होता है और संबंधित प्रदेश में माल डिलीवर न कर किसी भी प्रदेश में माल को उतार देते हैं।

सिर्फ कागजों में बिकता है माल

अधिकारियों ने बताया कि एक व्यापारी माल सही ढंग मंगाते हैं। बाकी उसी के आड़ में टैक्स बचाने के लिए माल मंगाते हैं। एक ही माल को कागजों में 8 से 10 कारोबारियों के यहां बेचना दिखाया जाता है। जबकि, वह माल कहीं भी नहीं जाता है। ऐसा इस लिए होता है कि उसी माल के बराबर दूसरा माल कारोबारी बाहर से बिना 14 परसेंट टैक्स चुकता किए मंगा लेते हैं। जब मामले की जांच होती है, तो वह शहर से ही या प्रदेश के किसी और जगह से माल मंगाए जाने की बात कहते हैं। उस स्थिति में अधिकारी भी कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। क्योंकि, एक ही प्रदेश में कोई माल एक शहर से दूसरे शहर में जाने पर टैक्स का प्रावधान नहीं हैं।

टीम ने पकड़ा थ्ा रैकेट

बरेली की टीम ने 500 करोड़ रुपए का घपला करने वाली एक बड़े रैकेट को 13 जुलाई को पकड़ा था। टीम ने पश्चिमी बंगाल से हिमाचल प्रदेश जा रहे सैकड़ों टन लोहे के आठ बड़े कंटेनर पकड़े थे। कंटेनर में एमएस आयरन इनगेट (सरिया बनाने वाला लोहा) भरा मिला। कागजों की जांच में सामान दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) की दो फर्म को बेचा गया था। माल खरीदने वाले के रूप में सोलन (हिमाचल प्रदेश) की एक कंपनी का नाम था। माल पश्चिम बंगाल ले जाने की बजाय मुजफ्फरनगर उतारा जाना था। डॉक्यूमेंट यूपी के बार्डर वाले जिले चंदौली से बनाई गई थी। जिसनेकरीब तीन हजार ट्रकों की फर्जी डॉक्यूमेंट बना रखे थे। वहीं दो दिन पहले शहर में 11 फर्म पर हुई छापेमारी में भी विभाग ने टैक्स चोरी पकड़ी थी।

यह होता है खेल

- सामान की खरीद-बिक्री का जिक्र रजिस्टर में नहीं होता।

- रसीद में माल कहां से खरीदा गया कहां उतारना है इसका जिक्र होता है।

- चालक बीच में जहां भी जहां सेटिंग होती है माल उतार देते हैं।

- एक प्रदेश से होकर निकलने वाले सामान के लिए ट्रांजेक्ट फॉर्म भरना होता है।

- ट्रांजेक्ट फॉर्म भरने पर सामाना उस प्रदेश में नहीं उतरता। सिर्फ राज्यमार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ट्रांजेक्ट फॉर्म भर कर भी कारोबारी प्रदेश में माल उतार रहे हैं। जबकि उन्हें राज्यमार्ग इस्तेमाल करने की परमिशन होती है।

एसएल दोहरे, ज्वॉइंट कमिश्नर, एसआईबी, वाणिज्य कर विभाग