बरेली (ब्यूरो)। मदरसा आधुनिकीकरण योजना में फर्जीवाड़े की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने मदरसों की जांच के आदेश दिए हैं। इस आदेश पर जिले में संचालित मदरसों पर भी जांच की आंच आने वाली है। शासन की ओर से जिला स्तर पर गठित कमेटी को इस मामले की जांच करनी है, पर बरेली में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग में मदरसों का जो आंकड़ा मौजूद है, उसमें ही एकरूपता नहीं है। जिले में संचालित कुल मदरसों की संख्या अल्पसंख्य कल्याण विभाग में 422 है तो बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस (यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेंशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) पोर्टल पर 342 मदरसे ही अपलोड हैं। मदरसों की संख्या में विभागीय असमानता को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग टेक्नीकल प्राबलम मानता है। बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर मदरसों की संख्या कम होने के पीछे कुछ मदरसों का कोड पोर्टल पर प्रॉपर फीड न करना भी हो सकता है.जिले में मदरसों की संख्या के रजिस्ट्रेशन में विभागों के बीच यह भेद यहां गड़बड़ी का बड़ा भेद भी खोल सकता है।

135 मदरसे आएंगे जांच के दायरे में
जिले में मदरसों की संख्या को लेकर भले ही भेद नजर आ रहा हो, पर जिन मदरसों में जांच की आंच आनी है, उनकी संख्या 135 बताई जा रही है। इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मदरसा आधुनिकीकरण योजना से आच्छादित मदरसों की ही जांच होनी है और जिले में इनकी संख्या 135 है।

जांच वाले मदरसों में मानदेय पर तैनात होते हैं तीन टीचर
मदरसा आधुनिकीकरण योजना से जुड़े मदरसों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तीन अतिरिक्त टीचर रखे जाते हैं। इन टीचर्स को केन्द्र व राज्य सरकार अपने-अपने मद से मानदेय देती है। इसमें पीजी वाले टीचर को 15,000 रुपया तो यूजी वाले टीचर को 8000 रुपया मानदेय दिया जाता है। मदरसों में इसी मानदेय को लेकर फर्जीवाड़े की शिकायत पहले भी होती रही हैं और अब भी हुई है। इस बार मुख्यमंत्री ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

जिले में पांच मदरसें हैं एडेड
बेसिक और माध्यमिक के एडेड स्कूल, कालेजों की तरह ही मदरसा बोर्ड के भी एडेड मदरसे होते हैं। जिला अल्पसंख्य कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बरेली जिले में सरकारी ग्रांट पाने वाले मदरसों की संख्या मात्र पांच है।

दीनी तालीम में नवाबगंज टॉप पर
मदरसे दीनी तालीम के प्रमुख सेंटर हैं और इस तालीम में नवाबगंज जिले में सबसे आगे है। बेसिक के यू डायस पोर्टल पर अपलोड 342 मदरसों में से नवाबगंज में इनकी संख्या सर्वाधिक 59 है तो शेरगढ़ में 54 और बरेली में 51 है। सबसे कम मदरसे मझगवां ब्लॉक में हैं। इस ब्लॉक में इनकी संख्या मात्र दो है। इसके अलावा आलमपुर, फरीदपुर, क्यारा और रामनगर में चार-चार मदरसे संचालित हैं। इनके अतिरिक्त बहेड़ी में 18, आंवला में पांच, बहेड़ी टाउन और भदपुरा में सात-सात, भोजीपुरा में 38, भुता में 11, फरीदपुर टाउन और फतेहगंज पश्चिमी में 10-10, मीरगंज में आठ, रिच्छा में 17 और विथरीचैनपुर में 29 मदरसे संचालित हैं। जिले के इन मदरसों में पंजीकृत बच्चों की कुल संख्या 46,169 है।

बोले अधिकारी :

शासन स्तर से ही मदरसों की जांच होनी है। जांच उन्हीं मदरसों की होनी है, जो मदरसा आधुनिकीकरण योजना से जुड़े हुए हैं। अभी मदरसा बोर्ड की परिक्षाएं संपन्न कराने पर फोकस है। परीक्षा निपटने के बाद भी मदरसों की जांच की प्रक्रिया शुरू होगी। रही बात बेसिक के यू डायस पोर्टल पर कम मदरसों के पंजीकृत होने की तो वहां सभी मदरसों का पंजीकरण नहीं हुआ होगा।
राहुल कुमार, इंस्पेक्टर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग

फैक्ट फाइल
422 मदरसे पंजीकृत है अल्पसंख्यक विभाग में
342 मदरसे अपलोड है बेसिक के यू डायस पोर्टल पर
46,169 बच्चे रजिस्टर्ड है इन मदरसों में
59 मदरसे सबसे अधिक बहेड़ी में पंजीकृत
51 मदरसे पंजीकृत है बरेली शहर में
135 मदरसे जुड़े हैं मदरसा आधुनिकीकरण योजना से