-हायर एजुकेशन की एडमिशन प्रक्रिया में पहली बार अलग से थर्ड जेंडर

-अकेले रूहेलखंड युनिवर्सिटी में आए थर्ड जेंडर के 21 आवेदन

-बीएससी,बीए और एमए में सबसे अधिक ऑनलाइन आवेदन

<-हायर एजुकेशन की एडमिशन प्रक्रिया में पहली बार अलग से थर्ड जेंडर

-अकेले रूहेलखंड युनिवर्सिटी में आए थर्ड जेंडर के ख्क् आवेदन

-बीएससी,बीए और एमए में सबसे अधिक ऑनलाइन आवेदन

BAREILLY BAREILLY

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब थर्ड जेंडर भी अपनी पहचान के साथ हायर एजुकेशन की उड़ान भरेंगे। रूहेलखंड युनिवर्सिटी ने पहली बार अपने ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस में थर्ड जेंडर के लिए स्पेशल प्रोविजन किया है। इस बार एडमिशन फार्म में मेल, फीमेल के अलावा तीसरा कॉलम अदर्स भी रखा गया है। पहले ही प्रयास में सफलता भी मिली। ख्क् थर्ड जेंडर ने आवेदन किया। अब देखना यह है कि परसेंटेज बेस्ड एडमिशन प्रोसेस में कितने थर्ड जेंडर्स को रेगुलर स्टूडेंट के रुप में हायर एजुकेशन का मौका मिल पाएगा। आरयू में सभी थर्ड जेंडर को स्पेशल केस मानते हुए एडमिशन देने पर भी विचार चल रहा है।

समाज में रहकर भी समाज का हिस्सा नहीं बन पाने की पीड़ा से जूझ रहे थर्ड जेंडर्स को अलग से पहचान के लिए बरेली से ही आंदोलन शुरू किया गया था। हजारों किन्नरों के हस्ताक्षरयुक्त याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्भ् अपै्रल ख्0क्ब् को किन्नरों को थर्ड जेंडर मानने के निर्देश दिए थे।

यूनिवर्सिटी ने बनाया नया कॉलम-

रूहेलखंड युनिवर्सिटी ने अपने सभी कॉलेजेज में एडमिशन के लिए इस वर्ष से सेंट्रलाइज सिस्टम शुरू किया है। इसके तहत हायर एजुकेशन के लिए ऑनलाइन प्रोसेस शुरू किया है। जिसमें स्टूडेंट्स को अपनी पसंद के प्रॉयोरिटी बेस्ड भ् कॉलेज भी भरने का प्रावधान किया है। इसी प्रक्रिया में पहली बार आवेदन फार्म में थर्ड जेंडर के लिए तीसरा कॉलम बनाया गया है।

ख्क् आवेदन आए-

पहली ही बार में ख्क् ट्रांसजेंडर ने आवेदन किया है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों में आवेदन आए हैं। सबसे अधिक 8 आवेदन बीएससी के लिए आए हैं। बीए में म्,एमए में म् और बीकॉम में क् आवेदन आया हैं। यूनिवर्सिटी ने आवेदन की डेट बढ़ाकर ख्8 जुलाई कर दी है। ऐसे में थर्ड जेंडर के आवेदन बढ़ भी सकते हैं।

पहले तो पता ही नहीं चलता था।

हायर एजुकेशन के लिए थर्ड जेंडर इससे पहले भी आवेदन करते रहे होंगे, लेकिन फार्म में अलग जेंडर का कॉलम न होने से उन्हें मेल या फीमेल के कॉलम में भरकर फॉर्म जमा करना पड़ता था। जिससे उनकी पहचान नहीं हो सकती थी।

ताकि मुख्यधारा में आ सकें थर्ड जेंडर-

ऐसे थर्ड जेंडर स्टूडेंट्स जब ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट हो जाएंगे। तो वे भी बड़ी नौकरियां करेंगे और बधाई का पारंपरिक पेशा छोड़ समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे।

वर्जन-

एडमिशन में पहली बार थर्ड जेंडर लागू किया है। अभी ख्क् थर्ड जेंडर स्टूडेंट्स के आवेदन आए हैं। हौसले को बनाए रखने के लिए सभी को उनके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। शिक्षा के द्वार सभी के लिए खुले हैं।

नीलिमा गुप्ता, हैड ऑफ एडमिशन सेगमेंट

रूहेलखंड युनिवर्सिटी

एडमिशन में अलग से कॉलम बनाना और ख्क् आवेदन आना बदलाव की शुरूआत है। नौकरी में भी रिजर्वेशन मिले तो यह मुहिम आगे बढ़े।

सरोज किन्नर-अध्यक्ष कन्या सुरक्षा विकास समिति