फीस जमा करने आए थे

स्कूल से निकाले गए बच्चों के फादर रिजवान खान ने बताया कि लाल फाटक के पास के स्कूल शांतिकुंज गल्र्स इंटर कॉलेज में उनके तीन बच्चे पढ़ते हैं। बड़ा बेटा कादिर क्लास 2 में और दोनों बेटियां कुलसुम और बुशरा एलकेजी में पढ़ती हैं। यूं तो स्कूल की ओर से महीने की पहली तारीख को ही फीस जमा करने का नोटिस जारी कर दिया जाता है पर इस बार नोटिस नहीं आया तो वह खुद ही थर्सडे को फीस जमा करने स्कूल आए.   स्कूल में प्रिंसिपल से मिले तो प्रिंसिपल ने उन्हें बताया कि वह स्कूल से बच्चों के नाम काट रही हैं। नाम काटने की वजह उन्होंने बच्चों का अनटाइडी होना बताया। रिजवान ने इस संबंध में डीएम और बीएसए को शिकायती पत्र दिया है।

नहीं दिया नोटिस

रिजवान ने बताया कि स्कूल में फीस न जमा होने पर स्कूल की तरफ  से रिटेन नोटिस जरूर आता है। अगर बच्चे अनटाइडी दिख रहे थे या उनके  साथ कोई भी प्रॉब्लम थी तो स्कूल को इस संबंध में कम से कम एक  बार नोटिस तो भेजना चाहिए था। बिना किसी सूचना के बच्चों को स्कूल से निकाल दिया है। एक सप्ताह पहले ही तो एडमिशन फीस जमा की है और बच्चों को नई किताबें भी दिलवाई हैं। इतना खर्च हो चुका है कि अब मैं किसी दूसरे स्कूल की फीस भी नहीं दे सकता हूं। ऐसे में मेरे बच्चों क पूरा साल खराब हो जाएगा। रिजवान ने बताया उनकी पत्नी नीतू खुद एक टीचर हैं।

नहीं निकाला जा सकता

राइट टु एजुकेशन के सेक्शन 1 (16) के मुताबिक क्लास 8 तक के स्टूडेंट्स को न तो फेल किया जा सकता है और न ही उन्हें एलिमेंट्री एजुकेशन पूरी होने तक स्कूल से निकाला जा सकता है। वहीं सेक्शन 1 (16) के  मुताबिक स्कूल में बच्चे को फिजिकल पनिशमेंट नहीं दिया जा सकता, न ही उनका मेंटल हरेसमेंट होना चाहिए।

ये हो सकती है कार्रवाई

उक्त किसी भी कार्य में दोषी पाए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है या फिर स्कूल पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

बच्चों को स्कूल से निकालना गलत है। इसकी जांच करवाई जाएगी। अगर ऐसा हुआ है तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ। पवन कुमार सचान, एडी बेसिक

ये तीनों स्टूडेंट्स अनटाइडी रहते हैं। स्कूल में रेग्युलर नहीं आते हैं और इनका वर्क भी कं प्लीट नहीं रहता है इसलिए हमने स्टूडेंट्स को स्कूल से निकाला है।

-राधिका, प्रिंसिपल, शांतिकुंज इंटर कॉलेज