श्यामगंज से शहदाना तक नहीं सुधरे हालात, धड़ल्ले से दौड़ रहे आटो व ई-रिक्शा

व्यापारियों ने दुकानों के आगे सजा दी दुकान, मीटिंग में लिए गए फैसले को नहीं माना

<श्यामगंज से शहदाना तक नहीं सुधरे हालात, धड़ल्ले से दौड़ रहे आटो व ई-रिक्शा

व्यापारियों ने दुकानों के आगे सजा दी दुकान, मीटिंग में लिए गए फैसले को नहीं माना

BAREILLY:

BAREILLY:

अभी कुछ दिन पहले ही श्यामगंज से शहदाना तक बेपटरी हो चुके टै्रफिक को पटरी पर लाने के लिए जो टै्रफिक सिस्टम बनाया गया था। उसकी चंद दिनों में ही हवा निकल गई। आई नेक्स्ट ने बनाए गए सिस्टम की रियलटी चेक किया तो यह समझने में देर नहीं लगी कि सिस्टम सिर्फ कागजों पर ही फॉलो कराया जा रहा है। इसमें चाहे गलती किसी भी हो, लेकिन श्यामगंज से शहदाना रोड पर प्रॉब्लम जस की तस है और पब्लिक को हमेशा की तरह जहमत उठानी पड़ रही है।

ड्यूटी पर थे पर रोक नहीं पाए

गत ख्0 सितंबर को एसपी ट्रैफिक ने व्यापारियों के साथ मीटिंग कर जो सिस्टम बनाया था वह कुछ दिन भी फॉलो नहीं हुआ। वेडनसडे को श्यामगंज पर ऑटो व ई-रिक्शा रोकने की एंट्री रोकने के लिए होमगार्ड की ड्यूटी लगाई थी, लेकिन ऑटो वाले बेरोकटोक एंट्री करते रहे। जबकि कुछ ऑटो व ई-रिक्शा चुपके से श्यामगंज मंडी के सामने रास्ते से निकलकर सैलानी रोड होते हुए निकल रहे थे।

नहीं मानें व्यापारी

यही हाल शहदाना चौक का था। यहां पर भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ होमगार्ड की ड्यूटी लगी हुई थी लेकिन वे दोनों भी किसी को रोक नहीं रहे थे। इसी तरह से सड़क किनारे ज्यादातर दुकानदारों ने अपना सामान बाहर निकाल कर रखा था। साथ ही बाइक व स्कूटर सड़क पर खड़ा किया था। नतीजतन रोड सकरी हो गई और राहगीरों को आने-जाने में दिक्कत हुई। रही-सही कसर सामान ढोने वाले ठेले पूरी कर दी।

कागज पर सिमटा सिस्टम

ख्0 सितंबर को एसपी ट्रैफिक ने सीओ थर्ड, एसएचओ बारादरी व प्रभारी ट्रैफिक इंस्पेक्टर की मौजूदगी में श्यामगंज से शहदाना के व्यापारियों के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग में व्यापारियों ने भरोसा दिलाया था कि कमेटी बनाकर मीटिंग में लिए गए फैसलों को फॉलो करेंगे लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला।

ये लिए गए थे फैसले

-सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक आटो व ई-रिक्शा की नो एंट्री।

-दुकानदार सामान को दुकान से बाहर नहीं रखेंगे।

-दुकानदार अपने वाहन पार्किंग में खड़ा करेंगे।

-ओवरटेकिंग रोकने के लिए रोड के बीच में ब् फीट के पाइप लगेंगे।

-माल लोडिंग के ठेलों का टाइम फिक्स होगा।