- मीरगंज में अपलाइन पर मालगाड़ी हुई डिरेल

- चक्के से निकल रही चिंगारी से खेतों में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने बुझाई आग

BAREILLY/MEERGANJ :

पिछले दिनों एक के बाद एक हुए तीन ट्रेन हादसों की अभी जांच भी पूरी नहीं हुई थी कि थर्सडे को असम से पंजाब जा रही कोयला लदी मालगाड़ी मीरगंज में डिरेल हो गई। मालगाड़ी का अचानक चक्का जाम हो गया। बावजूद इसके लोको पायलट 3 किलोमीटर तक ट्रेन को दौड़ाता रहा। लिहाजा, स्लीपर टूट गए और चक्के के घर्षण से निकल रही चिंगारियों से आसपास के खेतों में आग लग गई। फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। मालगाड़ी के डिरेल होने की खबर मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। कई अधिकारी और आरपीएफ मौके पर पहुंच गए।

अचानक जाम हाे गया चक्का

61 डिब्बों की मालगाड़ी दोपहर 2.42 पर मीरगंज फाटक संख्या 375 कुला पर पहुंची। तभी इंजन की तरफ से 23 वें डिब्बे का चक्का अचानक जाम हो गया। जिसकी भनक लोको पायलट योगेंद्र पाल को नहीं लगी। लिहाजा, वह मालगाड़ी को दौड़ाता रहा और पटरियों पर जाम चक्के के घर्षण से चिंगारियां निकलती रहीं। फाटक संख्या 376 के गेटमैन दिनेश ने जब चक्के से चिंगारी निकलते देखी तो सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दी। तब तक लोको पायलट ट्रेन को लेकर फाटक संख्या 377 संजरपुर पहुंच चुका था। लगभग तीन किलोमीटर दौड़ने के बाद मालगाड़ी के चक्के का शॉकर टूट गया और बोगी पटरी से उतर गई। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी, आरपीएफ मौके पर पहुंच गई।

तेज प्रेशर से टूट गए स्लीपर

दो फाटकों के बीच की दूरी करीब 3 किलोमीटर है। चक्का जाम होने से प्रेशर बनने के कारण 3 किलोमीटर तक के स्लीपर टूट गए। वहीं घर्षण से निकल रही चिंगारियों के कारण आसपास गन्ने, गेहूं के खेतों और घासों में आग लग गई। करीब आधा बीघा तक गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की दो गाडि़यां पहुंच गई। जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद लगे आग बुझाई। यदि, फायर बिग्रेड समय पर नहीं पहुंचती तो सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो जाती।

प्रेशर खत्म हुआ तब रोकी ट्रेन

तीन किलोमीटर तक मालगाड़ी दौड़ाने के बाद जब प्रेशर कम हुआ तब कही जाकर लोको पायलट योगेंद्र पाल को कुछ गड़बड़ी होने का पता लगा। इसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोकी। हादसे के कारण अप-डाउन की ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया गया। कंट्रोल रूम से सभी स्टेशन मास्टर को ट्रेनों को डायवर्ड कर संचालन करने के निर्देश दिए गए। जिसके बाद सभी ट्रेनों को वाया चंदौसी गुजारा गया।

मुरादाबाद, बरेली से बुलाई क्रेन

मालगाड़ी के खराब डिब्बे को अलग करने के लिए मुरादाबाद और बरेली से क्रेन बुलाई गई। थर्सडे देर रात तक डिब्बे को मालगाड़ी से अलग कर बगल में ही पलट दिया गया और अप लाइन को क्लियर किया गया। जिसके बाद अप लाइन पर ट्रेनों का संचालन देर रात सुचारू हो सका।

एक नजर घटनाक्रम पर

- 2.42 बजे दोपहर की घटना।

- 375 से 377 फाटक संख्या तक करीब 3 किलोमीटर तक चक्का जाम पर दौड़ती रही मालगाड़ी।

- इंजन से 23 वां डब्बे का चक्का हो गया था जाम

- 3 किलोमीटर तक में पटरियों को बेस देने वाले सीमेंट के स्लीपर टूटे।

- मालगाड़ी में नहीं था कोई गार्ड।

- 376 फाटक संख्या के गेटमैन दिनेश ने चिंगारी निकलते देखी तो दी सूचना।

- चिंगारी से आसपास के खेतों में लगी आग।

- मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दो गाड़ी।

- प्रेशर खत्म होने पर लोको पायलट को खराबी का चला पता तब रोकी ट्रेन।

- ट्रेनों को किया गया डायवर्ड चंदौसी होकर गुजारी गई ट्रेनें।

- मुरादाबाद और बरेली से बुलाई गई क्रेन। डब्बा को किया गया अलग।

मालगाड़ी के डिब्बे का चक्का जाम होने की वजह से अप लाइन पर यह हादसा हुआ है। जिससे ट्रेनें प्रभावित रही। ट्रेनों को डायवर्ड कर वाया चंदौसी गुजारा गया।

अख्तर हुसैन, स्टेशन मास्टर मीरगंज