एयरबेस की सुरक्षा ने उड़ाई नींद

अतिसुरक्षित त्रिशूल एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा में सेंध ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। आलम यह कि स्टेशन की बाउंड्री वॉल में तोडफ़ोड़ करने के साथ ही आस-पास ईंट-भट्टे और हट तक बना लिए गए हैं। खनन और भूमाफिया की एक्टिविटी इस एरिया में बढ़ गई है। स्लॉटरिंग से इलाके में फैलती गंदगी से उड़ानों पर खतरा मंडरा रहा है। सुरक्षा के मसले पर एयरफोर्स, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की एक मीटिंग भी हो चुकी है। मीटिंग के बाद ऐसी एक्टिविटीज पर रोक लगाने का डिसीजन हुआ है।

बाउंड्री वाल ब्रिक फैक्ट्री

1963 में त्रिशूल एयरफोर्स स्टेशन की नींव रखी गई थी। दरअसल, एयरबेस में मौजूद एयरक्रॉफ्ट व इक्विपमेंट हाइली सोफिस्टीकेटेड है। ऐसे में इसकी मेंटेनेंस के लिए नीट एंड क्लीन एनवायरनमेंट की जरूरत होती है। लेकिन यहां की चल रही एक्टिविटीज ने जिम्मेदारों के माथे पर शिकन पैदा कर दी है। डाक्युमेंट्स के अनुसार, इज्जतनगर के मुडिय़ा अहमद नगर में सैदपुर चुन्नीलाल गांव रोड पर ईंटें पकाई जा रही हैं। ईंट-भट्ठा रानी खपरैल उद्योग का है। बता दें कि एयरफोर्स की तरफ से गत 4 जनवरी, 2013 को डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी, एसपी सिटी, एसडीएम व एसओ इज्जतनगर को कंप्लेन की गई थी। इस दौरान चार फरवरी को दो ट्रैक्टर भी पकड़े गए लेकिन फिर भी काम जारी रहा। मुडिय़ा अहमद नगर के अलावा नगरिया कलां और करमपुर चौधरी में एयरफोर्स कैंप के वेस्टर्न साइड में भी खनन जोरो पर है। बीती 5 फरवरी को इज्जतनगर में  एफआईआर भी रजिस्टर्ड हो चुकी है।

पॉल्ट्री फार्म भी चल रहे

मुडिय़ा अहमद नगर में पॉल्ट्री फार्म भी चलाया जा रहा है। पीलीभीत वाईपास पर चावड़ गांव के पास ईस्टर्न बाउंड्री की वॉल पर भूमाफिया प्लॉटिंग कर रहे हंै। पीलीभीत रोड पर डेलापीर सब्जी मंडी की ओर छोटी-छोटी झोपडिय़ा बना ली गई हैं। चावड़ गांव के पास बाउंड्री वॉल में भी सेंध लगी है। भूड़ा में बम डंप एंड बाउंड्री वॉल के पास मरे मवेशियों को फेंकने के साथ स्लॉटरिंग भी की जा रही है। खास बात यह कि इलीगल स्लॉटरिंग के मसले पर 14 जनवरी को एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है।

विमानों पर भी खतरा

एक फाइटर प्लेन की कीमत करीब 350 करोड़ और इसके इंजन की कीमत 35 करोड़ रुपये के करीब होती है। स्लॉटरिंग और गंदगी से इलाके के आसमान में पक्षियों का डेरा रहता है। ऐसे में विमानों के टकराने का डर मंडराता रहता है।

डिफेंस मिनिस्ट्री की चिंता

13 जनवरी 2010 को डिफेंस मिनिस्ट्री ने एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें 900 मीटर के दायरे में नियंत्रण करने वाले 13 एयरफोर्स केंद्रों की लिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में बरेली का त्रिशूल स्टेशन भी था। इसके बाद बरेली के तत्कालीन डीएम ने 19 फरवरी 2011 को आदेश जारी किया गया था। आदेश के बावजूद भी नियमों की धज्जियां उड़ायी गईं तो स्टेशन के अफसरों ने गुहार लगाई। एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री वॉल के 100 मीटर के पास कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता है। एयरफोर्स से 900 मीटर की दूरी तक भी कोई कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता। स्टेशन के दस किमी के दायरे में स्लॉटरिंग व गंदगी नहीं फैलाई जा सकती है। एयरोस्पेस सेफ्टी एयरक्रॉफ्ट अमेंडमेंट एक्ट 1988 के सब सेक्शन 2 व 5 के तहत ऐसा करने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान है। एयरफोर्स के बड़े एयरबेस में से एक है। यह सेंट्रल एयर कमांड का हिस्सा है। यहां पर फाइटर प्लेन का एक बेड़ा है।

 

'एयरफोर्स स्टेशन की सिक्योरिटी काफी महत्वपूर्ण है। स्लॉटरिंग व गंदगी रोकने के लिए नगर निगम को लिखा गया है। अवैध कब्जा हटाने के प्रशासन की टीम पुलिस के साथ जाकर एक्शन लेगी.'

-अभिषेक प्रकाश, डीएम बरेली

 

'एयरफोर्स स्टेशन द्वारा अवैध खनन, स्लॉटरिंग व अन्य की शिकायत की गई थी। इसके लिए मंडे को मजिस्ट्रेट के अंडर में पुलिस-प्रशासन की टीम निरीक्षण कर आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेगी.'

-देवेंद्र दीक्षित, एडीएम सिटी बरेली

 

'एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री बाल में कुछ लोगों ने सेंध लगाने का प्रयास किया है। बाउंड्री से सटे हुए ईंट भट्ठे व हट बना लिए हैं। स्लॉटरिंग की जा रही है। प्रशासन से मीटिंग के दौरान हेल्प मांगी गई थी। प्रशासन ने हेल्प का आश्वासन दिया है.'

-डीडी मास्टर, पीआरओ एयरफोर्स स्टेशन बरेली