-242 ने कक्ष निरीक्षक के लिए किया था आवेदन

-निर्दल छात्र एकता ने मुकदमा दर्ज कराने की मांग

BAREILLY

जैसे ही आरयू के मेन एग्जाम शुरू हुए वैसे ही बीसीबी के इंविजिलेटर्स पर अंगुलियां उठने लगीं। आरोप लगे की मानक को ताक पर रखकर ओटीएस को इंविजिलेटर्स बना दिए गए। दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए प्राचार्य डॉ। सोमेश ने कमेटी बना दी। लेकिन मानक तय नहीं हो पाने के कारण कमेटी की जांच अधर में लटकी हुई है। वहीं निर्दल छात्र एकता ने फर्जी इंविजिलेटर्स पर कार्रवाई की मांग की है।

242 ने िकया आवेदन

बीसीबी में जब यूजी बीकॉम, बीएससी, बीए और पीजी एमकॉम, एमए और एमएससी के एग्जाम शुरू हुए, तो ओटीएस से आवेदन मांगे गए ताकि उन्हें इंविजिलेटर्स बना दिया जाए। 242 ने इंविजिलेटर्स बनने में इच्छा जताई। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनकी एजुकेशन खुद इंटर तक है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंटर पास वालों को इंविजिलेटर्स बना दिया गया। छात्रा नेताओं ने जब इसे तूल बनाया, तो प्राचार्य डॉ। सोमेश यादव ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी। साथ ही आवेदन करने वालों की सूची सौंपी। कमेटी को निर्देश दिए गए कि वह इनमें से उन लोगों के नाम छांटे, जो इस वक्त कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी कर रहे हैं।

मानक के चलते अधर में लटकी जांच

कमेटी के सदस्य प्राचार्य से मिले। उन्होंने पूछा किस आधार पर इंविजिलेटर्स बनाए जा सकते हैं। इसकी जानकारी उन्हें दी जाए। इस पर प्राचार्य ने राय दी कि अन्य कॉलेजेज के प्रोफेसर्स से सलाह ली जाए। उसे आधार मानकर इंविजिलेटर्स की पड़ताल की जाए।