(बरेली ब्यूरो)। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भले ही कम हुआ हो, पर अभी यह टला नहीं है। ऐसे में कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर से दूरी बनाना इस खतरे से नजदीकी बढ़ाना साबित हो सकता है। ऐसे में अवेयरनेस और अलर्टनेस जरूरी है, पर बरेलियंस इस मामले में अब कोताही बरतने लगे हैं। संडे को मौसम का मिजाज खुशगवार होने से मार्केट में उमड़ी भीड़ ने इसकी तस्दीक भी की। बरेली में जब हर दिन कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा शतक पार पहुंच रहा है, तब कोरोना नियमों को लेकर लापरवाही बरतना किसी को भी भारी पड़ सकता है। इस तरह की लापरवाही से ही कोरोना की दूसरी लहर जनजीवन पर भारी पड़ी थी, इस बात को भूलना हम सब लिए बड़ी भूल होगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने संडे को लोगों की इस भूल का रिएलिटी चेक कर उन्हें कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर को लेकर अवेयर करने की कोशिश की।

एहतियात अभी जरूरी
दो गज की दूरी मास्क जरूरी को भूलकर जिस तरह संडे को मार्केट में भीड़ उमड़ी, उससे यह साफ हुआ कि अब लोग कोरोना के खतरे को हल्के में ले रहे हैं। इस संबंध में कई लोगों के तर्क से उनकी नासमझी भी उजागर हुई। मास्क लगाने तक से गुरेज करने वालों में किसी ने कहा कि उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, तो किसी ने कहा कि अब तो कोराना ज्यादा घातक नहीं रह गया है। इस संबंध में एक्सपट्र्स का कहना है कि वैक्सीनेशन कंप्लीट होने के बाद भी कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर को फॉलो करना जरूरी है। इसको कोराना के खतरे से खुद बचने और दूसरों को बचाने की गारंटी की तरह समझना चाहिए।

सीन-1, बरेली जंक्शन
यहां पर आने वाले ज्यादातर यात्री बिना मास्क के घूमते दिखे। सोशल डिस्टिेंसिंग को लेकर भी इनमें अवेयरनेस की कमी दिखाई दी। यहां कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर को फॉलो करने के अलावा कराने को लेकर भी भारी कोताही बरती जा रही है।

सीन-2, श्यामगंज पुल के पास
यहां शॉपिंग करने आई भीड़ इस तरह से खरीरददारी करने मेंंं व्यस्त थी मानो कोविड खत्म हो गया है। बिना मास्क लगाए लोग खरीदारी करने में व्यस्त रहे तो दुकानदार भी मास्क को लेकर अवेयर नहीं दिखाई दिए। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग तो यहां मानो गुजरे जमाने की बात हो गई।

सीन-3, इंद्रा मार्केट
यहां सोशल डिस्टिेसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। कोविड गाइडलाइन को पूरी तर से नजरअंदाज किया जा रहा है। लोगों की इस तरह की लापरवाही खुद उनके लिए और उनके अपनों के लिए भी मुसीबत का सबब बन सकती है।

सीन-4, कुतुबखाना
यहां पर सामान्य दिनों भी भीड़ लगी रहती है। संडे को तो यहां पूरे दिन भारी भीड़ देखने को मिली। लोगों ने कोरोना के खतरे को भूलकर जमकर खरीदारी भी की। इस खतरे को लेकर अब पुलिस व प्रशासन भी निश्चिंत हो गया है। यही वजह है कि अब लोगों को मास्क तक के लिए नहीं टोका जाता है।

वर्जन
इतने समय के बाद फैमिली के साथ शॉपिंग करने घर से निकले हैं।
संडे को ही समय मिलता है। कोविड तो वैसे भी चलता रहेगा।
-निरंजन

सामान लेना है तो भीड़ में निकलना ही पड़ेगा। मास्क का जल्दी में ध्यान ही नहीं रहा। वैसे तो मास्क मेरी जेब में ही रहता है। आज रखना याद नहीं रहा।
-अभिनव

आज ही छुट्टïी है इसलिए सोचा आज फैमिली के साथ शॉपिंग करने चलें। अन्य दिनों में समय नहीं मिल पाती है। जॉब की वजह से व्यस्त रहता हूं।
-दर्शन

मास्क लगाना भूल गया हूं। वैसे भी मैैंने दोनों डोज लगवा ली है। अब कोविड हुआ भी तो जल्द ठीक हो जाएगा।
- मंदीप