- 50 से ज्यादा केंद्रों ने पर नहीं लिया गया बच्चों का वजन

- केंद्रों पर वजन न किए जाने से करीब 14 हजार से ज्यादा बच्चे छूटे

BAREILLY:

शासन के सख्त निर्देश के बावजूद जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन न किए जाने का खुलासा हुआ है। वजन दिवस के मौके पर बच्चों का वजन न करने वाले सेंटर्स को चिह्नित किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसकी रिपोर्ट 15 सितंबर को शासन को भेजी जाने की संभावना है। डीपीओ बुद्धि मिश्रा के अनुसार जिले के 16 ब्लॉकों में से प्रत्येक ब्लॉक में 3 से 4 केंद्रों पर वजन नहीं किया गया है, जिनकी सूची तैयार करने के लिए संबंधित सीडीपीओ को निर्देश दिए गए हैं।

14 हजार बच्चे वजन से चूके

इसी माह 7 और 10 सितंबर को जिले में वजन दिवस का आयोजन किया गया था। जिसमें करीब 3.4 लाख बच्चों का वजन किया जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक केंद्र पर औसतन सौ से 2 सौ की संख्या में बच्चे हैं। ऐसे में 16 केंद्रों पर करीब 14 हजार बच्चों के वजन होने किया जाना था। लेकिन संबंधित पर्यवेक्षकों और आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स की लापरवाही और अनदेखी की वजह से बच्चों का वजन नहीं किया जा सका है। इसमें बरेली शहर, क्यारा, मझगवां, रामनगर, फरीदपुर, भुता, बिथरीचैनपुर, नबावगंज, भदपुरा, बहेड़ी, दमखोदा, शेरगढ़, भोजीपुरा, मीरगंज और फतेहगंज ब्लॉकों के 50 सेंटर्स शामिल हैं। वहीं, अधिकारियों के मुताबिक मीरगंज ब्लॉक में सर्वाधिक केंद्रों पर वजन न किए जाने की सूचना मिली है।

23 हजार मिले कुपोषित

वजन दिवस में विभाग की कारगुजारियों और दावों की कलई खुल गई है। विभाग की ओर से शासन को जारी की गई पिछली कई रिपो‌र्ट्स के आंकड़ों में करीब 6 हजार बच्चों के ही अतिकुपोषित होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन दो चरणों में आयोजित वजन दिवस में करीब 23 हजार बच्चों के कुपोषण से ग्रसित पाए गए। 7 सितंबर को जिले के 8 ब्लॉकों के 1413 केंद्रों पर आयोजित वजन दिवस में 1.5 लाख बच्चों का वजन किया गया था, जिसमें करीब 11,055 बच्चे अतिकुपोषत होने की पुष्टि हुई। दूसरे चरण में जिले के आठ ब्लॉकों के 1444 केंद्रों पर 1 लाख 42 हजार 891 बच्चों का वजन किया गया। इसमें अतिकुपोषित 11,478 बच्चे पाए गए।

वजन दिवस के दोनों चरणों में कई आंगनबाड़ी सेंटर्स पर बच्चों के वजन न किए जाने की सूचना मिली है। ऐसे में उन सेंटर्स की सूची बनाने के निर्देश सभी सीडीपीओ को दिए गए हैं। संबंधित रिपोर्ट से शासन को अवगत कराया जाएगा, ताकि शासन स्तर से कार्रवाई की जा सके।

बुद्धि मिश्रा, डीपीओ