कहा, फिजिकली अनफिट है मेरा पति

पहले पति नहीं कर रहा था अपनी कमी को स्वीकार

<कहा, फिजिकली अनफिट है मेरा पति

पहले पति नहीं कर रहा था अपनी कमी को स्वीकार

BAREILLY:

BAREILLY:

चाहे दौर कोई भी हो महिलाओं की आवाज हर दौर में दबाई गई है। खुद अधिकतर महिलाओं ने अपनी आवाज बुलंद करने की कभी हिम्मत नहीं जुटाई। मौजूदा वक्त में भी कुछ ऐसा ही है, लेकिन कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्होंने आवाज बुलंद की। चाहे जमाना कुछ भी कहे। सैटरडे को परामर्श केंद्र पर एक महिला ने काउंसलर्स के सामने बेबाक होकर कहा कि वह पति के साथ नहीं रहना चाहती है, क्योंकि वह फिजिकली अनफिट है। उसकी बात सुनकर पहले तो काउंसलर्स भी भौचक रह गए, लेकिन महिला ने रिश्ते से आजादी मांगी और कहा कि पूरी जिदंगी पति की कमजोरी छिपाकर 'बांझ' की तोहमत वह नहीं सहने वाली है।

अनफिट पति, नहीं रहूंगी साथ

8 मार्च को आसिया नेम चेंज्ड का निकाह शाहजहांपुर के तिलहर थाना निवासी फहीम नेम चेंज्ड से हुआ। शादी के बाद आसिया को पति के मेडिकल अनफिट होने की जानकारी हुई, तो बकौल आसिया उसने शौहर से इलाज कराने की गुजारिश की, लेकिन फहीम ने अपनी कमी को स्वीकार नहीं किया। हालांकि इस बाबत फहीम ने काउंलसर्स को बताया कि वह इलाज करा रहा है। लेकिन उसकी फैमिली उसे फाइनेंशियली सपोर्ट नहीं कर रही। वह बीवी को तलाक देने से इनकार करता रहा। जबकि आसिया का कहना था कि वह शौहर को नहीं छोड़ना चाहती, लेकिन शौहर भावनात्मक रूप से भी उससे जुड़ाव नहीं रखता। जबकि फहीम की दलील थी कि बीवी एक साल की शादी में भ् महीने मायके ही रही है। ऐसे में जुड़ाव कैसे होगा।

लंबे इलाज का नहीं करेगी इंतजार

अजीब परिस्थिति पैदा होने पर काउंसलर्स ने आसिया को पति का भावनात्मक रूप से सहयोग करने को कहा, जबकि फहीम से अपना पूरा इलाज कराने की सलाह दी। लेकिन आसिया लंबे इलाज के समय का इंतजार करने को भी राजी नहीं हुई। अंत में फाइल बंद कर दी गई। चूंकि महिला खुद ही अलग हो रही थी, इसलिए तय हुआ कि वह मेहर की रकम का क्लेम नहीं कर सकेगी। इस केस का फैसला काउंसलर कल्पना चतुर्वेदी और दीपा चंद्रा ने बड़ी संवेदनशीलता से किया।