-दोबारा स्कूल खुल गए, लेकिन विभाग अभी तक पूरा सिलेबस नहीं करा पाया उपलब्ध

-अप्रैल में शुरू हुए सेशन में बिना किताबों के ही हुई थी पढ़ाई

BAREILLY: अव्यवस्थाओं के बीच एक बार फिर प्राइमरी स्कूलों का सेशन शुरू हो गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि अप्रैल में पहली बार शुरू हुए इस शिक्षण सत्र की कमियों का सुधार बेसिक शिक्षा विभाग छुट्टियों में करा लेगा। जिससे जुलाई में दोबारा सेशन खुलेगा तो बच्चों को किताब व यूनिफार्म के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। लेकिन मई में मिल चुकी किताबों को विभाग 50 दिन में भी डिस्ट्रीब्यूट नहीं करा सका।

ब्लॉक तक ही पहुंची किताबें

अप्रैल में बिना किताब शुरू हुए सेशन से विभाग की बड़ी बदनामी हुई। बावजूद इसके बीएसए पहली जुलाई तक किताबें नहीं बंटवा सके। जबकि किताबों को खरीदने की प्रक्रिया 20 मई तक पूरी हो गई थी। सिलेबस के नाम पर कुछ किताबें ही अभी विभाग के पास पहुंची हैं, जिसमें प्रमुख रूप से वर्कबुक शामिल हैं। इसके अलावा इस साल से लागू होने वाली 'बरखा' इन किताबों को हर ब्लॉक स्थिति बीआरसी सेंटर पर पहुंचा दिया गया है। लेकिन बीआरसी सेंटर के स्टोर से ये किताबें अभी स्कूल नहीं पहुंची हैं। इस बाबत प्राइमरी स्कूल, कालीबाड़ी-1 की इंचार्ज नीता ने बताया कि आज स्कूल खुले हैं, नगर क्षेत्र के स्टोर रूम से बुक्स इश्यू कराने में और बच्चों को डिस्ट्रीब्यूट करने में अभी एक-दो दिन का वक्त लगेगा।

सिर्फ एक प्रतिशत हुए नए दाखिले

1 से 31 मार्च तक चला 'स्कूल चलो अभियान' सिर्फ कागजों पर चमका। स्कूलों में नए दाखिलों के नाम पर पहले की छात्र संख्या की एक प्रतिशत ही वृद्धि हुई है। प्राइमरी स्कूल कालीबाड़ी-2 में पुराने दाखिले 42 हैं, जबकि अप्रैल से अब तक सिर्फ 6 नए दाखिले हुए हैं। इसी तरह प्राइमरी स्कूल, घेर जफर खां में 51 पुराने छात्र हैं, जबकि नए दाखिले सिर्फ 5 हुए हैं। कालीबाड़ी-1 में 62 पुराने बच्चे जबकि 6 नए दाखिले हैं। इसी तरह सूफी टोला में 43 पहले से रजिस्टर्ड है। जबकि 8 नए छात्रों के दाखिले हैं।

बंद मिला स्कूल

शिक्षक और विभाग पढ़ाई को लेकर कितने गंभीर हैं। इसकी नजीर प्राइमरी स्कूल गंगापुर-1 के दरवाजे पर लटके ताले को देखकर मिली। गंगापुर में बेहद जर्जर हालात में चल रहा ये एकल स्कूल पहली जुलाई को खुला ही नहीं। इस बाबत नगर खंड शिक्षा अधिकारी नरेश चंद्र पंवार से पूछा गया तो उन्होंने इस बाबत जानकारी न होने की बात कहकर छुटकारा पा लिया। जबकि शासन की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए थे कि एक जुलाई से सभी स्कूल विधिवत तय समय से खुलें।