डिस्ट्रिक्ट में बिना मान्यता के चल रहे 235 स्कूल, विभाग की सफाई-एफआईआर दर्ज कराने पर भी प्रशासन ने नहीं लिया एक्शन

दूसरी बार शासन ने भेजा फर्जी स्कूलों का संचालन बंद कराने का निर्देश

<डिस्ट्रिक्ट में बिना मान्यता के चल रहे ख्फ्भ् स्कूल, विभाग की सफाई-एफआईआर दर्ज कराने पर भी प्रशासन ने नहीं लिया एक्शन

दूसरी बार शासन ने भेजा फर्जी स्कूलों का संचालन बंद कराने का निर्देश

BAREILLY:

BAREILLY:

शिक्षा माफिया से मिलीभगत का आलम यह है कि अधिकारी शासन का आदेश तक मानने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि डिस्ट्रिक्ट में दो सौ से अधिक स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं और इन पर एक्शन के नाम पर विभाग कागजी खानापूर्ति करके के चुप्पी साध लेता है। आलम यह है कि, लास्ट ईयर हुए विभाग पर जब उपर से सख्ती हुई तो सर्वे कराया गया। लास्ट ईयर सिंतबर में हुए सर्वे में ख्फ्भ् स्कूल अमान्य निकल कर सामने आए। लेकिन, इस पर क्या कार्रवाई हुई, इस पर विभाग की चुप्पी का आलम जारी है।

सेशन शुरू होने के साथ ही खेल शुरू

एक बार फिर से सेशन शुरू होते ही यह खेल शुरू हो जाता है। हालांकि शासन के निर्देश के बाद से एक बार फिर से कागजी कार्रवाई शुरू करने का दावा कर रहे हैं। शासन का निर्देश है कि नए शैक्षिक सत्र में एक भी स्कूल जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं उनका संचालन रोका जाए। हैरत की बात है कि आदेश का अनुपालन कराने की बजाय शासनादेश को एक बार फिर डस्टबिन में डाल दिया।

ख्फ्भ् फर्जी स्कूल

विभाग के पास फर्जी स्कूलों की एक लंबी फेहरिस्त है, लेकिन एक्शन के नाम पर किसी भी फर्जी स्कूल को दोबारा नोटिस तक नहीं भेजा गया। विभाग द्वारा एक साल पहले तैयार की गई लिस्ट पर यकीन करें तो डिस्ट्रक्ट में टोटल ख्फ्भ् स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। शासनादेश पर विभाग ने स्कूलों को चिह्नित तो कर लिए, लेकिन जब एक्शन की बारी आयी तो अधिकारियों ने कदम पीछे खींच लिये।

एक्शन के नाम पर तहरीर का ड्रामा

स्कूलों पर एक्शन न लिये जाने का ठीकरा एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी पुलिस पर मढ़ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो अवैध रूप से चल रहे स्कूलों को बंद करने के निर्देश उन्होंने लास्ट ईयर ही दे दिए थे। बावजूद इसके इन स्कूल पर ताला नहीं लग सका। लिहाजा, इन स्कूलाें को बंद कराने के लिए संबंधित थाने में स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन मुकदमा नहीं लिखा गया।

तत्कालीन डीएम से की थी कंप्लेन

स्कूलों को बंद कराने के लिए संबंधित थानों में तहरीर दिए जाने के बाबत बीएसए का कहना है कि पुलिस के एक्शन न लेने पर उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी से भी कंप्लेन की थी। बावजूद इसके इन स्कूलों के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा सका। हालांकि, उन्होंने अपने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि ऐसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करें।

अब तक हुई खानापूर्ति

अब तक सिर्फ नगर क्षेत्र के एक स्कूल पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाए जाने की कार्रवाई हुई है। हालांकि ये राशि अभी तक विभाग और प्रशासन रिकवर नहीं कर सका है। इसके अलावा मीडिया के दबाव में नगर खंड शिक्षा अधिकारी कुछ गली-कूचों के स्कूलों की धरपकड़ कर चुके हैं। जिन पर भी लिखित में कोई कार्रवाई नहंीं गई। जबकि दूसरे ब्लॉक्स में इस साल कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

डस्टबिन में शासनादेश

शासन ने फर्जी स्कूलों पर दूसरी बार निर्देश जारी किए हैं, जिसमें जुलाई में स्कूल खुलने से पहले फर्जी स्कूलों का संचालन बंद कराना सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसकी जानकारी बीएसए व संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है.राइट टू एजूकेशन (आरटीई) के प्रावधान के अनुसार, वे सभी स्कूल अमान्य मानें जाएंगे जिनका मान्यता प्रमाणपत्र बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी नहीं किया गया है। साथ ही ऐसे स्कूल जो मान्यता के लिए अप्लाई करने के बाद बिना प्रमाणपत्र के ही स्कूल संचालित करने लगे हैं, वे सभी फर्जी की श्रेणी में आते हैं। इस अधिनियम में सीधे शब्दों में ऐसे प्रमाणपत्र रहित स्कूलों के तुरंत संचालन को बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं।

ये हैं फर्जी स्कूल

यूं तो जानकार मानते हैं कि पूरे शहर भर में गली-कूचों में चल रहे करीब एक हजार स्कूल फर्जी हैं, लेकिन विभाग के आंकड़े ख्फ्भ् स्कूलों को फर्जी बताते हैं। जिन पर ये कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एफआईआर दर्ज करा सकी है। इनमें नगर क्षेत्र के फ्ब्, जबकि अन्य ब्लॉक क्यारा के क्ख्, आलमपुर के क्फ्, नवाबगंज के क्ब्, बहेड़ी क्भ्, रामनगर 9, बिथरी चैनपुर ख्, फरीदपुर 7, शेरगढ़ ख्भ्, भोजीपुरा क्9, फतेहगंज क्फ्, दमखोदा ख्म्, मझगवां क्8, भदपुरा ख्ख् व मीरगंज में म् फर्जी स्कूल हैं। इनमें से किसी भी एफआईआर पर प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया है।

सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र के फर्जी स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा चुके हैं। स्कूलों पर एक्शन लेना प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आता है। हम सिर्फ उन्हें इससे अवगत करा सकते हैं।

- देवेंद्र दत्त, बीएसए