गोरखपुर (ब्यूरो)। जानकारी के मुताबिक, शाहपुर एरिया के शक्ति नगर कॉलोनी निवासी उमेश प्रताप शाही ने शाहपुर पुलिस को तहरीर देकर बताया कि भतीजे अंबिका शाही को नौकरी की आवश्यकता थी। उसने अपने परिचित प्रमोद से कहा कि जो भी पैसा लगे मेरी नौकरी लगवा दीजिए। आरोपी ने बताया कि 10 लाख रुपए लगेंगे हेल्थ डिपार्टमेंट में लिपिक की नौकरी लगवा देंगे। उनकी बातों में आकर पीडि़त ने दो बार मे 10 लाख रुपए आरोपी को दे दिए।

नहीं मिला नियुक्तिपत्र

रुपए लेने के बाद आरोपी ने कहा कि 8 महीने मे नियुक्ति पत्र मिल जाएगी। लेकिन, 8 महीने बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिला। पूछने पर बताया कि तीन-चार महीने और रुक जाइए आपका काम लगभग पूरा हो चुका है। केवल डायरेक्टर का हस्ताक्षर होना हैं। इसके बाद भी 4 महीने बीत गए। नियुक्ति पत्र नहीं मिला। इसके बाद पीडि़त ने आरोपी को फोन किया तो बात करने के बाद उनका नंबर ब्लॉक कर दिए। आरोप है कि घर जाने पर गाली देते हुए धमकी देने लगे,और घर से भगा दिए। इसके बाद पीडि़त ने शाहपुर पुलिस को तहरीर दी। शुक्रवार की शाम पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

स्टाम्प पर लिखी एडवांस की रकम, जालसाजी का केस

झंगहा थाना एरिया के ग्राम पंचायत इटौवा निवासी गंगोत्री देवी ने अपने मकान के किराएदार पर ही झूठा स्टाम्प पेपर पर एडवांस की रकम लिखने का आरोप लगाते हुए जालसाजी का केस दर्ज कराया हैं। गंगोत्री देवी ने पुलिस को बताया कि मेरे पति फौजदार ने अपना चौरीचौरा के राघोपुर में स्थित मकान को 2018 में चौरीचौरा थाना क्षेत्र के भरतपुर निवासी सतीराम को बिना एडवांस लिए किराए पर दिया था। मेरे पति की 27 नवंबर 2020 में कोरोना काल के समय मृत्यु हों गई। मेरे पति की मृत्यु के बाद दुकानदार ने फर्जी स्टांम्प पर एक लाख सत्तर हजार से अधिक की रकम लिख कर हमसे मांग कर रहा है। हमारा मकान भी खाली नही कर रहा है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही हैं।