गोरखपुर (ब्यूरो)।एक तो इसकी एंटीबॉडी, साथ ही जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) की एंटीबाडी ने मिलकर डेंगू को कमजोर किया है। आरएमआरसी लैब के एक्सपर्ट की स्टडी में सामने आया कि ये दोनों एंटीबाडी इस वायरस से लड़ रही हैं। कोविड वैक्सीन से भी डेंगू के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि डेंगू का डेन-2 स्ट्रेन व जेई का टीका कोविड पेंडमिक के पहले भी था। हालांकि, अभी इस पर रिसर्च होना बाकी है।

अभी 234 केस

बता दें, पिछले साल जहां डेंगू के 318 केसेज थे। वहीं, इस बार 234 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई हैैं। आरएमआरसी के वॉयरोलॉजिस्ट डॉ। अशोक पांडेय बताते हैैं कि जेई व डेंगू एक ही परिवार के वायरस हैं। यहां के लगभग सभी बच्चों को जेई का टीका लग चुका है। यह टीका भी डेंगू से लड़ रहा है। इसके अलावा डेन-2 ही सर्वाधिक प्रभावित करता है। उसकी एंटीबाडी लोगों में है। इसलिए यह स्ट्रेन ज्यादा गंभीर नहीं करता है। यदि डेंगू का अन्य स्ट्रेन, डेन-2 से संक्रमित हो चुके लोगों के शरीर में प्रवेश करता है तो उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। लेकिन ऐसे लोगों को जेई की एंटीबाडी बचा रही है। कारण जो भी हो, लेकिन एक्सपर्ट इस बात पर सहमत हैं कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और डेंगू कमजोर हुआ है। एम्स बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। शैलेंद्र द्विवेदी ने बताया, यह तो साफ दिख रहा है कि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और डेंगू वायरस कमजोर हुआ है। लेकिन अभी तक इस पर कोई रिसर्च न होने से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।

एक नजर में डेंगू केस

साल - डेंगू के केसेज - डेथ

2018 - 825 - 00

2019 - 114 - 01

2020 - 09 - 00

2021 - 67 - 00

2022 - 318 - 00

2023 - 234 - 00

डेंगू को कमजोर करने में डेन-2 व जेई की एंटीबॉडी ज्यादा काम कर रही है। माना जाता है कि यहां सभी लोगों में जेई की एंटीबाडी विकसित हो चुकी है। डेंगू के डेन-2 का प्रभाव ज्यादा है, इसलिए उसकी एंटीबाडी भी इस स्ट्रेन को कमजोर कर रही है।

डॉ। अशोक पांडेय, वॉयरोलाजिस्ट, आरएमआरसी