गोरखपुर (ब्यूरो)। बता दें, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश की तरफ से आदेश आया है कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश भर में कुल 35 करोड़ पौधे रोपने हैं। गोरखपुर में 51,50,698 पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए कवायद भी शुरू कर दी गई है। ग्रीन गोरखपुर बनाने के लिए 2021-22 में जहां कुल 44,14,391 पौधे 27 विभागों ने मिलकर लगाए थे। वहीं, 2022-23 में 51,50,698 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य 27 विभागों को दिया गया है। सभी विभागों को पिछले साल की तुलना में कुछ कम लक्ष्य दिए गए हैं।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट भिजवाएगा पौधे
डीएफओ विकास यादव ने बताया कि गोरखपुर को हरा-भरा करने के लिए सड़कों के किनारे पौधरोपण किया जाएगा। वहीं, हर एक विभाग के कैंपस में भी पौधरोपण किया जाना है, ताकि गोरखपुर को पॉल्यूशन फ्री जोन बनाया जा सके। बारिश शुरू हो चुकी है। सभी डिपार्टमेंट का टारगेट डिसाइड है। सभी विभागों को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट पौधे भिजवाएगा।
डिपार्टमेट के हिसाब से टारगेट फिक्स
वन विभाग - 19,98,234
पर्यावरण विभाग - 2,22,026
ग्राम्य विकास विभाग - 17,63,300
राजस्व विभाग - 1,99,360
पंचायती राज विभाग - 1,99,360
आवास विकास विभाग - 5180
औद्योगिक विकास विभाग - 3080
नगर विकास विभाग - 61,600
लोक निर्माण विभाग - 8400
सिंचाई विभाग - 8400
रेशम विभाग - 25,630
कृषि विभाग - 3,38,580
पशुपालन विभाग - 5040
सहकारिता विभाग - 7980
उद्योग विभाग - 7700
विद्युत विभाग - 4060
माध्यमिक शिक्षा - 4000
बेसिक शिक्षा - 4000
प्राविधिक शिक्षा - 5040
उच्च शिक्षा - 19,460
श्रम विभाग - 2100
स्वास्थ्य विभाग - 8120
परिवहन विभाग - 2100
रेलवे विभाग - 16,520
रक्षा विभाग - 5180
उद्यान विभाग - 2,21,068
पुलिस विभाग - 5180
कुल - 51,50,698
फैक्ट एंड फीगर
गोरखपुर में पौधशालाओं की संख्या - 37
पौधशालाओं में उपलब्ध पौधे - 69,40,612
पौधरोपण के लिए आवश्यक पौधे - 50,65,699
नर्सरियों में उगाई गईं प्रजातियां
अर्जुन, शीशम, जामुन, गुटेल, कंजी, सागौन, यूकेलिप्टस, बकैन, सहजन, बेल, आम, इमली, नीम, बालमखीरा, बरगद, पीपल, बांस, आवंला, अमरूद व गोल्डमोहर आदि
- नर्सरियों में आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष अच्छे एवं सफल पौधरोपण के लिए शत-प्रतिशत पौधे उगाने पॉजिटिव पौधों से प्राप्त बीजों से उच्च गुणवत्तायुक्त पौध उगान किए गए हैैं।
- उगाए गए पौधों का सही ढंग से रख रखाव किया जा रहा है।
- पौधों की निरंतर सिंचाई, निराई- गुढाई एवं समय-समय पर पौधों की शिफिटिंग की जाती है।
- पौधों की वृद्धि के लिए जैविक खाद, माइक्रोन्यूट्रियंट, ग्रोथ हार्मोंस आदि का उपयोग किया जाता है।
- पौधशालाओं में भी कंपोस्ट पिट बनाए गए है।