गोरखपुर (ब्यूरो). इसके लिए उन्होंने हज पर जाने के लिए जरूरी पहली किश्त व कागजात जमा कर दिए हैं। हज के जरूरी अरकान जुलाई माह में अदा किए जाएंगे। वहीं भारत से सऊदी अरब के लिए रवानगी जून माह में होगी।

इस बार आ गया नाम

गाजी रौजा के रहने वाले मुख्तार अहमद कुरैशी पिछले चार बार से आवेदन कर रहे हैं। एक बार तो लिस्ट में नाम भी आया। हज की फीस जमा की। हज ट्रेनिंग भी की, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से हज यात्रा निरस्त हो गई। अबकी बार फिर से आवेदन किया। हज की पहली किश्त व जरूरी कागजात जमा कर चुके हैं। इनके साथ इनकी पत्नी जुबैदा खातून व एक अन्य रिश्तेदार नूरुननिसा हज पर जा रही हैं। हज की तैयारी शुरु कर दी है। मुख्तार अहमद के पुत्र सेराज अहमद कुरैशी ने बताया कि हज यात्रा को लेकर माता-पिता बहुत खुश हैं। तैयारी पूरी है। दुआ है कि इस बार परंपरा के अनुसार हज यात्रा मुकम्मल हो जाए।

हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि हज दीन-ए-इस्लाम का आखिरी फरीजा है। जिसे अल्लाह ने सन् 9 हिजरी में फर्ज फरमाया। जो मालदारों पर फर्ज है और वह भी जिंदगी में सिर्फ एक बार करना है। अल्लाह का इरशाद है कि अल्लाह की रजा के लिए लोगों पर हज फर्ज है, जो उसकी इस्तिताअत रखे। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब सरकार से हज यात्रा की हरी झंडी मिल चुकी है। हज यात्रियों में खुशी है। कोरोना महामारी की वजह से पिछली दो हज यात्रा स्थगित हुई इसी कारण अबकी कम संख्या में लोगों ने आवेदन किया है। अमूमन गोरखपुर-बस्ती मंडल से हर साल करीब दो हजार से अधिक लोग हज यात्रा पर जाते हैं। गोरखपुर से ही करीब चार सौ के करीब लोग हज यात्रा पर जाते थे।

रविवार को होगा ट्रेनिंग कैंप

हज पर जाने वाले आजमीनों के लिए हज ट्रेनिंग कैंप का आयोजन रविवार को जाहिदाबाद गोरखनाथ जामा मस्जिद में किया गया है। ट्रेनिंग सुबह 8.00 बजे से 12.00 बजे तक होगी। यह जानकारी संयुक्त रुप से मौलाना सादिक कासमी व मौलाना उबैद उर रहमान नदवी ने दी।