गोरखपुर (ब्यूरो)।दुकानों पर पटाखे तो हर वैराइटी मिल रहे हैं। लेकिन वहां माचिस, मोमबत्ती और दीया की बिक्री नहीं हो रही है। देसी पटाखों को इग्नोर कर लोग ब्रांडेड कंपनियों व ग्रीन पटाखे अधिक पसंद कर रहे हैं। साथ ही सुरक्षापूर्वक पटाखे जलाने की अपील की जा रही है।

सेफ्टी के उपाय मौजूद

फायर सेफ्टी नियमों को देखते हुए दो पटाखों की दुकानों के बीच 9 वर्ग मीटर की दूरी रखी गई है। पटाखों की दुकानों के लिए टीन शेड से दुकान का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा वहां फायर सेफ्टी के सारे उपाय मौजूद हैं।

इन पटाखों की अधिक डिमांड

ग्राहक इस बार फुलझड़ी, चक्कर, अनार, अनार बम, चटाई, 30 शॉट, 60 शॉट, 120 शॉट, 5000 और 10000 दानों की चटाई, राइडर, 12 स्टार, पाइप, फैंटा, ड्रैगन शॉट, मल्टी, स्काइ राइडर समेत अन्य स्काइ शॉट्स की अधिक डिमांड कर रहे हैं।

इमरजेंसी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

हेल्पलाइन नंबर - 101, 112

कंट्रोल रूम - 9454418790

यहां हैं फायर सेफ्टी सेंटर

गोलघर, गोला, बांसगांव, सहजनवां

झुलसें तो यह करें

- जल जाने पर घाव को ठंडे पानी से धोएं।

- घाव पर सेवलॉन, डेटॉल कतई न लगाएं।

- घाव पर बिटाडिन लगाएं, डॉक्टर को दिखाएं।

- आंख में बारूद जाने पर साफ पानी से धोएं।

- डॉक्टर के परामर्श पर आई ड्रॉप डाल सकते हैं।

- तेज आवाज के पटाखे चलाने से बचें।

- आंखों पर चश्मा लगाकर पटाखे चलाएं।

- लकड़ी में मोमबत्ती बांधकर पटाखे को आग लगाएं।

आतिशबाजी के लिए ये जरूरी

- पटाखों को हमेशा खुले स्थान पर जलाना चाहिए।

- जहां पटाखे जलाए जा रहे हैं वहां पर कोई भी ज्वलनशील पदार्थ नहीं होना चाहिए।

- पटाखे जहां जलाए जा रहे हैं वहां पर बालू या पानी अवश्य होना चाहिए।

- पटाखे जलाने वाले व्यक्ति को पूरी बांह के टाइट कपड़े पहनना चाहिए। पैर में जूते पहना चाहिए।

- आंखों पर चश्मा अवश्य होना चाहिए। आवाज वाले पटाखे छोड़ते समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों के कान ढके होने चाहिए।

- पटाखा छोडऩे के लिए अपने हाथ का प्रयोग कभी भी ना करें, पटाखा चलाने के लिए हमेशा लंबे बांस के डंडे का इस्तेमाल करें।

पटाखे चलाने से अंगुली जलना, हाथ-पैर जलने के ज्यादा मामले आते हैं। ऐसे में घर में बिटाडिन जरूर रखें और घाव को ठंडे पानी से धोकर लगाएं।

डॉ। नवीन कुमार वर्मा, स्किन जिला अस्पताल

आंखों से पानी बहना, लाल होना, करकराहट की दिक्कत सबसे ज्यादा रहती है। इसलिए पटाखा जलाने से पहले आप सावधान रहें। अगर बच्चे पटाखा जला रहे हैं तो अभिभावक साथ रहें। प्राथमिक उपचार में आंखों को साफ पानी से धोएं और डॉक्टर के परामर्श से ड्रॉप डालें। जख्म या कार्निया चोटिल होने पर तत्काल विशेषज्ञ को दिखाएं।

डॉ। कमलेश शर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ

सिटी में कुल 13 स्थानों पर 3 दिन के लिए पटाखे की अस्थाई दुकानें लगी हैं। लाइसेंस में दिए स्थान के अलावा दूसरी जगह पर दुकान लगाने पर पटाखे को जब्त कर लिया जाएगा। फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के जवान सभी जगहों पर लगातार गश्त कर रहे हैं।

शांतनु यादव, फायर स्टेशन ऑफिसर