गोरखपुर (ब्यूरो)।यह तो केवल एक मामला है, गोरखपुर में यूपीएसएसएससी द्वारा आर्गनाइज बीडीओ एग्जाम में दो दिन यानी सोमवार और मंगलवार को अलग-अलग सेंटर से 7 सॉल्वर अरेस्ट किए गए। वहीं एक साल्वर पुलिस के पहुंचने से पहले ही सेंटर से फरार हो गया। फरार साल्वर समेत उन सभी कैंडिडेट की तलाश भी पुलिस कर रही है, जिनकी जगह पर सॉल्वर एग्जाम देने आए थे।

गोरखपुर के 49 सेंटर पर हो रहा एग्जाम

एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया की ग्राम पंचायत अधिकारी साल 2018 की रद्द परीक्षा सोमवार और मंगलवार को 49 सेंटर पर आर्गनाइज की गई। कोतवाली पुलिस ने भगवती कन्या महाविद्यालय से मऊ के जगदम्बा की जगह एग्जाम दे रहे बिहार के चुन्नू कुमार, सरस्वती शिशु मंदिर से विशाल पांडेय की जगह बैठे विहार नालंदा निवासी दीपक कुमार और एमएसआई से सचिन की जगह बैठे बलिया के विपिन सिंह को सोमवार को अरेस्ट किया। वहीं एमएसआई से ही सोमवार को एक अन्य सॉल्वर पुलिस के पहुचने से पहले ही फरार हो गया।

मंगलवार को भी धराया सॉल्वर

कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को भी सरस्वती शिशु मंदिर आर्यनगर से एक और सॉल्वर को गिरफ्तार किया है। इसी प्रकार कैंट पुलिस ने एडी कन्या इंटर कालेज से मऊ के जय बहादुर निषाद की जगह परीक्षा दे रहे नालंदा विहार के नन्दन कुमार को गिरफ्तार किया है। नन्दन ने 20 हजार एडवांस लिया था। बाकी का 80 हजार जयबहादुर के पास होने के बाद मिलता। एसपी सिटी ने बताया कि अब आधार लिंक कर दिया गया है। परीक्षा हॉल में फिंगर प्रिंट व आई जांच के नाते ये पकड़े जा रहे हैं।

ब्लूटूथ लगाकर दे रहे थे परीक्षा, एसटीएफ की मदद से पकड़े गए

एसपी सिटी ने बताया, एसटीएफ और शाहपुर पुलिस ने अंबेडकर नगर के अलीगंज निवासी रितेश त्रिपाठी और जलालपुर निवासी दीपांशु वर्मा उर्फ लक्की को अरेस्ट किया है। दोनों कान में ब्लू टूथ लगाकर बैठे थे। लेकिन ये दोनों कैंडिडेट एक डिवाइस बाहर ही छोड़ दिए थे। इसलिए ये नकल करने में सफल नही हुए। दोनों को अनुचित साधन यूज करते हुए पकड़ लिया गया। एसपी सिटी ने बताया कि ब्लूटूथ गैंग का सरगना जौनपुर के अमित और कमलेश है। दोनों एक एक लाख में कैंडिडेट को ब्लूटुटूथ देते हैं। इसके बाद उन्हें ब्लूटूथ के जरिए सारे सवाल सॉल्व कराते हैं। अमित कैंडिडेट को ट्रेनिंग देता था। लेकिन गैंग के बारे में एसटीएफ को पहले ही पता चल गया। इसलिए गोरखपुर, बस्ती और अन्य जगहों से कई मुन्ना भाई पकड़ लिए गए।

पहन रखे थे तीन अंडरवियर

दीपांशु और रितेश ने तीन-तीन अंडरवियर और खास तरह की बनियान डिवाइस छिपाने के लिए पहना था। बनियान में अलग से जेब भी खुद ही सिलकर बनाया था। पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेशकर जेल भिजवा दिया।