i impact

- दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के खुलासे के बाद कार्रवाई की पहल

- जोन के 242 दागी पुलिस वालों के खत्म हुए अच्छे दिन, जांच का बढ़ा दायरा

GORAKHPUR‘ अच्छे दिन लाने के वादे करने वाली पार्टी की यूपी में सरकार बनने के बाद कुछ लोगों के बुरे दिन आने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में गुंडों ही नहीं, वर्दी में छुपे गुंडों की भी तलाश कर उन्हें 'ठीक' किए जाने की पहल शुरू हो गई है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के 'थाने के 100 चक्कर' खबर से खुलासे के बाद गुरुवार को जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब सूची के 242 नाम को डीजीपी मुख्यालय भेजने की तैयारी तो है ही, साथ ही इसमें और नाम जुड़ने की खबर से पुलिस महकमा में बेचेनी बढ़ गई है। कार्रवाई की भनक लगते ही सभी अपनी नौकरी बचाने की जुगत में जुट गए हैं।

हमने की तहकीकात

सूबे में पुलिस का चेहरा बदलने की कोशिश हो रही है। ऐसे समय में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने सीएम के इलाके की पुलिस की कार्यशैली की तहकीकात की। इस तहकीकात में सामने आया कि यहां कितने ही पुलिस वाले ऐसे हैं, जिन पर कई गंभीर आरोप हैं। इसके बाद भी वे जिम्मेदार पदों पर हैं। इतना ही नहीं, सीएम के शहर की पुलिस का चेहरा ही नहीं, उसका व्यवहार भी सही नहीं है। कितने ही पुलिस वालों पर आरोप है कि उनके अपराधियों से रिश्ते हैं और पब्लिक से 'दुश्मनी' है। ये पब्लिक को इंसाफ दिलाना तो दूर, ठीक मुंह बात तक नहीं करते। खुद आईजी द्वारा कराई गई जांच में मिले तथ्य भी इस बात की गवाही दे रहे हैं।

अब कौन बचाए?

गुरुवार के अंक में दैनिक-जागरण आई नेक्स्ट ने 'थाने के 100 चक्कर' हेडिंग से गुरुवार के एडिशन में न्यूज पब्लिश कर पुलिस का जब दागी चेहरा उजागर किया तो महकमे में हड़कंप मच गया। अब तक अपने 'गुनाहों' को किसी तरह दबाकर कुर्सी पर बने रहने वाले पुलिस पदाधिकारियों से लेकर पुलिस कर्मियों तक में खलबली मच गई। वरीय अधिकारी भी किरकिरी होने से पहले कार्रवाई कर शासन चे अच्छा मैसेज देने में जुट गए। यह कोशिश है कि इससे पहले कि शासन से कोई आदेश जारी हो, दागियों की सूची भेच्कर अच्छा मैसेज दिया जाए। सूत्रों की मानें तो कार्रवाई के लिए दागियों की सूची डीजीपी मुख्यालय को भेजे जाने की तैयारी कर ली गई है।

कई के जाएंगे पद!

जिले में ऐसे कई पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल किया। इनकी शिकायत लगातार अधिकारियों को मिल रही थी। आईजी जोन के निर्देश पर एक सूची भी तैयार की गई थी। जिसके बाद ऐसे दागी नाम अपने बचाव में जुट गए थे। लेकिन दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट में न्यूज पब्लिश होने के बाद इस सूची को डीजीपी मुख्यालय भेजने की तैयारी कर ली गई है। इससे उनमें ज्यादा खलबली है, जो एसएचओ और एसओ के पदों पर तैनात हैं। उन्हें अपनी कुर्सी जाने का खतरा है तो वहीं कई को नौकरी जाने का डर सता रहा है। चर्चा है कि कई अभी से अपने बचाव में कोर्ट जाने की तैयारी में लग गए हैं।

सूची में इनके नाम

- आय से अधिक संपत्ति वाले।

- जिनके खिलाफ कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज है।

- ऐसे पुलिस कर्मचारी जो अवैध कार्यो में लिप्त पाए गए हों।

- ऐसे पुलिस कर्मचारी जिनके दु‌र्व्यवहार की शिकायत सामने आई।

- अपराधियों, माफियाओं से संबंध रखने वाले पुलिस कर्मचारी।

- मुकदमे से नाम निकाले गए, दूसरी जगहों पर ट्रांसफर होकर गए पुलिस कर्मचारी

-----------

यह हैं 47 दागी कर्मचारी

1 - आपराधिक कार्य में लिप्त पुलिस कर्मचारी

17- विभिन्न मामलों में पुलिस वालों के खिलाफ केस

19- अवैध कामों में लिप्त पाए गए पुलिस कर्मचारी

9- पब्लिक से दु‌र्व्यवहार के मामलों की शिकायत

1- आय से अधिक प्रॉपर्टी जमा करने का मामला

इनकी होती रही है शिकायत

संजय राय, चौथीराम यादव, श्यामलाल यादव, उपेंद्र यादव, ब्रजेश वर्मा, गोविंद अग्रवाल, विनय कुमार पाठक, विक्रम सिंह, ओपी राय, श्रीप्रकाश यादव, वीरेंद्र विक्रम सिंह, गजेंद्र राय, निर्भय सिंह और यादवेंद्र पाल। इसके अलावे भी कई नाम हैं जिनके खिलाफ शिकायतें हैं।

वर्जन

ऐसे पुलिस कर्मचारियों की सूची बनाई है जिनके खिलाफ शिकायतें हैं। इन मामलों में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, इसकी जांच की जा रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की खबर के बाद जांच के दायरे में कुछ दरोगा भी शामिल हो गए हैं। कुछ और लोगों को चिहिनत कर लिया गया है। जांच को और तेज किया जाएगा।

मोहित अग्रवाल, आईजी