- पंचायत की सरगर्मी, पुलिस नहीं बरतेगी नरमी

- विवादों को हवा देना पड़ेगा महंगा, चुनाव के लिए पैरवी पड़ेगी भारी

- गुटबाजी रोकने के लिए पुलिस उठाएगी कदम, चिह्नित किए जाएंगे फसादी

- पुलिस नहीं बनेगी पार्टी, मिलीभगत का भुगतेंगे खामियाजा - सिटी की आसपास की शिकायतें आने लगी हैं जिला मुख्यालय

-एडीजी ने ऐसे विवादों के लिए जारी की विशेष गाइडलाइन

जोन में दो पक्षों के बीच होने वाले विवादों में पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की मनमानी नहीं चलेगी। वोट के चक्कर में एक-एक पक्ष की तरफ से पैरवी के लिए थाने पर जुटने वाले संभावित प्रत्याशियों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। मामूली मामलों को बेवजह तूल देने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर सकती है। पूर्व में सामने आए मामलों को देखते हुए एडीजी जोन ने सर्तकता बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के साथ-साथ पुलिस को अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी। एडीजी ने गोरखपुर सहित जोन के अन्य सभी जिलों के एसएसपी, एसपी को संवेदनशीलता से काम करने को कहा है।

मामूली मामलों को देते हवा, बढ़ती जाती बात

हर साल पंचायत चुनाव करीब आने पर संभावित प्रत्याशियों की सक्रियता बढ़ जाती है। इनमें सबसे ज्यादा होड़ पुलिस महकमे पर अपने प्रभाव को लेकर रहती है। पालीटिकल पार्टियों से जुड़े, सांसद और विधायक के करीबी माने जाने वाले वर्तमान प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी सदस्य और ब्लाक प्रमुखों के साथ-साथ संभावित प्रत्याशी अपना रूतबा दिखाने के लिए जोड़-तोड़ में लगे रहते हैं। मोहल्ले में होने वाले विवादों में वो अक्सर थानों पर पहुंच जाते हैं। थानेदार, चौकी प्रभारी और हलका दरोगा पर रौब जमाकर अपने हिसाब से कार्रवाई का दबाव बनाते हैं। इससे मामूली मामले खत्म होने के बजाय बढ़ते चले जाते हैं। थाना स्तर पर कार्रवाई पूरी न होने पर इसकी शिकायतें जिला मुख्यालय पर पुलिस अधिकारियों तक पहुंचती हैं। इससे माहौल शांत होने के बजाय बिगड़ता है।

बलवा, मारपीट रजिस्टर में दर्ज होगा मामला

पंचायत चुनावों को लेकर चल रही तैयारी के बीच प्रत्याशियों ने दौड़भाग शुरू कर दी है। संभावित प्रत्याशी तरह-तरह से लोगों को लुभाने में लग गए हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान मोहल्लों में मास्क, सेनेटाइजर, राशन बांटने से लेकर लोगों के दवा और दारू का इंतजाम भी किया जा रहा है। ऐसे में कई जगहों से मारपीट की शिकायतें सामने आने लगी है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि चुनाव करीब आने के कारण संभावित प्रत्याशी अपनी मौजूदगी का अहसास कराने की कोशिश में लगे हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव, उससे जुड़े मामलों और प्रत्याशियों की सक्रियता वाले मारपीट सहित अन्य मामलों को अलग रजिस्टर बनाकर दर्ज करने को कहा गया है। थानों पर मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ पुलिस बलवा और मारपीट रजिस्टर में ऐसे प्रकरण दर्ज कर देगी। मारपीट और बलवा में शामिल लोगों का नाम-पता, मोबाइल नंबर, उनके पक्ष के मददगारों, उनके पक्ष में सामने आए पंचायत प्रत्याशियों का जिक्र किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इससे बेवजह के मामलों को तूल देने वालों को चिह्नित कर पुलिस कार्रवाई कर सकेगी।

इस तरह के दिए गए हैं निर्देश

हर थाना पर बलवा और मारपीट के मामलों को अलग रजिस्टर में दर्ज किया जाए।

छोटे से छोटे मामले में पुलिस मौके पर पहुंचे। किसी प्रकरण को बेवजह तूल देने पर कार्रवाई की जाए।

विवाद में शामिल दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप की गंभीरता से जांच कर आगे की कार्रवाई हो।

चुनावी रंजिश को लेकर होने वाली मारपीट के मामलों को सामान्य मामलों की नजर से नहीं देखा जाएगा।

दोनों पक्षों की तरफ से सामने आए पैरवीकारों को भी चिह्नित कर उनका भी रिकार्ड मेंटेन किया जाए।

बेवजह हर मामले में घुसकर उसे बड़ा बनाने की कोशिश करने वाले संभावित प्रत्याशियों पर पुलिस नजर रखें।

पूर्व में हुए मामलों और दो पक्षों के बीच में चल रहे विवादों की फाइलें खंगालकर आवश्यक कार्रवाई की जाए।

बीट सिपाही अपने बीट पर मौजूद रह रहकर गतिविधियों की निगरानी करें। यदि कोई मामला आता है एसओ को अवगत कराएं।

वर्जन

पंचायत चुनाव को देखते हुए पूरी सर्तकता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। बेवजह मामलों को तूल देने वालों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाएंगे। पंचायत चुनाव देखते हुए हर सूचना पर पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश हैं।

दावा शेरपा, एडीजी गोरखपुर जोन