गोरखपुर (ब्यूरो).प्रोजेक्ट की लांचिंग एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर के प्रतिनिधि और एम्स गोरखपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेश चंद्र ने की। इस मौके पर एम्स गोरखपुर से कैंसर सर्वाइवर्स की कार रैली को भी रवाना किया गया। यह रैली पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंच कर लोगों को बीमारी और इसके इलाज की सुविधा के बारे में लोगों को जागरुक करेगी ।

53 शहर और 22 राज्य में कर रहा कैंसर पर काम

कैनकिड्स संस्था के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ। हरेश गुप्ता ने बताया कि कैनकिड्स वर्तमान में 53 शहरों और 22 राज्यों में 125 से अधिक कैंसर केंद्रों में काम कर रहा है। लांचिंग कार्यक्रम के दौरान एम्स गोरखपुर की बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। महिमा मित्तल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ। अनिता मेहता की अध्यक्षता में बाल कैंसर की चुनौतियों और देखभाल के बारे में पैनल चर्चा हुई। कार्यक्रम में आए कैंसर सर्वाइवर्स ने अपने अनुभव भी साझा किए। कैनकिड्स संस्था के महाप्रबंधक निर्भय सिंह और केयर कोआर्डिनेटर सुगंधा कुमारी ने संवाद सत्र का आयोजन करवाया। इस अवसर पर डॉ। हरिशंकर जोशी, डॉ। अजीत यादव, डॉ। महीम, डॉ। शशांक, संस्था के उप महाप्रबंक नसीम और केयर कोआर्डिनेटर शैला गिरी प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रदेश में बाल कैंसर के 14700 मामले

संस्था के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 0 से 19 साल के बच्चों में बचपन के कैंसर के 14700 मामले हैं। कैंसर से पीडि़त बच्चों की देखभाल के लिए उत्तर प्रदेश को बड़ी संख्या में देखभाल सुविधाओं की आवश्यकता है। यही कारण है कि कैंसर से पीडि़त बच्चों की देखभाल के लिए गोरखपुर में एक उपचार केंद्र स्थापित करने की पहल की गई है।

लखनऊ से चली रैली गोरखपुर पहुंची

विभिन्न क्षेत्रों में कैंसर के इलाज के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से लखनऊ से गोरखपुर तक कार रैली निकली। संस्था के सहयोग आयोजित इस रैली को उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक ने लखनऊ में मंगलवार को हरी झंडी दिखाई थी जो बुधवार को गोरखपुर पहुंची। बचपन के कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए यह रैली देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, बलिया, अयोध्या और बस्ती सहित पड़ोसी जिलों का भी दौरा करेगी। जागरुकता फैलाने के लिए सर्वाइवर का नुक्कड़ नाटक, समूह चर्चा और हितधारक जुड़ाव कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं।