बार्डर पर बढ़ी निगरानी, कैंप करेंगे डीआईजी

कोरोना पॉजिटिव की साजिश की आशंका में अलर्ट

नेपाल बार्डर पर कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए रेंज के आईजी और डीआईजी को प्रभारी बनाया गया है। प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि तीन दिनों तक नेपाल सीमा से जुड़े जिलों में कैंप कर लॉकडाउन का ढंग से पालन कराएं। गोरखपुर रेंज के डीआईजी महराजगंज कैंप में करते हुए कुशीनगर और देवरिया के नेपाल बार्डर की जिम्मेदारी संभालेंगे। जबकि, बस्ती के डीआईजी सिद्धार्थनगर जिले में कैंप करेंगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से बार्डर से किसी के घुसपैठ की आशंका को सख्त कार्रवाई हो सकेगी। महराजगंज और सिद्धार्थनगर बार्डर पर सख्ती से गोरखपुर सुरक्षित रहेगा।

सुरक्षा की समीक्षा की सौंपी गई जिम्मेदारी

इंडो-नेपाल बार्डर से कोरोना संक्रमित लोगों के घुसपैठ की आशंका जताई गई थी। इसकी कोई पुष्टि नहीं हो सकी। फिर भी सूचना के बाद सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया। तब बताया गया था कि इंडो नेपाल बार्डर से कोरोना संक्रमित करीब 50 लोग घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। इस वजह से सीमा पर तैनात सभी पुलिस कर्मचारियों और एसएसबी को अलर्ट कर दिया गया। इस योजना में नेपाल के परसा जिले के सेरेवा थाने के जगरनाथपुर निवासी जालिम मुखिया का नाम सामने आया। सूचना में बताया गया था कि मुखिया ही भारत में कोरोना फैलाने की योजना बना रहा है। उसके इशारे पर 40 से 50 कोरोना पॉजिटिव इंडिया में इंट्री कर सकते हैं। इसमें बिहार में स्थित नेपाल बार्डर का जिक्र भी किया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद बार्डर की सुरक्षा बढ़ा दी गई। नेपाल बार्डर की खुली सीमा और पगडंडियों से आवाजाही होने से संदिग्ध किसी तरह से इंट्री कर सकते हैं। इसलिए बार्डर के जिलों की समीक्षा की जा रही है।

जोन के तीन डीआईजी तैनात

गोरखपुर जोन में तैनात डीआईजी गोरखपुर राजेश मोदक - महराजगंज जिले में कैंप करते हुए बिहार बार्डर के देवरिया और कुशीनगर जिलों की जिम्मेदारी देखेंगे। बस्ती के डीआईजी आशुतोष कुमार को सिद्धार्थनगर में कैंप करने के लिए कहा गया है। देवी पाटन के डीआईजी राकेश सिंह बहराइच में कैंप करते हुए श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर में नेपाल बाडज्र संभालेंगे। इस दौरान बार्डर पर लॉक डाउन से संबंधित गतिविधियों की विधिवत समीक्षा की जाएगी। बार्डर पर पहले से ही लॉक डाउन के कारण पूरी तरह से आवाजाही बंद है। लेकिन पगडंडियों से होने वाली हरकतों की कोई निगरानी में मुश्किल आती है। इस फायदा उठाते हुए तमाम लोग लोग आवाजाही कर लेते हैं। मुखबिर की सूचना पर कभी- कभार ही कोई संदिग्ध पकड़ में आता है। ए टू कैटेगरी के अनुसार भारत नेपाल के गोरखपुर, धारचूला और रक्सौल बार्डर से संदिग्धो के इंट्री करने की जानकारी मिली थी। बार्डर पर मुस्तैदी बढ़ाए जाने से गोरखपुर सेफ हो जाएगा।

महराजगंज में मिल चुके हैं कोरोना पॉजिटिव

नेपाल और गोरखपुर से सटे महराजगंज में कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। महराजगंज के पेशेंट्स का उपचार भी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में होता है। जबकि आठ जिलों के संदिग्धों के कोरोना की जांच मेडिकल कॉलेज के लैब में हो रही है। इसलिए नेपाल बार्डर को पूरी तरह से सील करना और किसी तरह का घुसपैठ रोकना गोरखपुर के बेहद जरूरी है। इस कार्रवाई से शहर को एक बड़े खतरे से बचाया जा सकेगा।

बार्डर सील होने से फंसे हैं कई नागरिक

नेपाल में लॉकडाउन होने से दोनों तरफ बार्डर पर बड़ी संख्या में लोग फंस गए हैं। नेपाल के पालपा और भैरहवा में 155 लोग फंसे हुए हैं। नेपाल सरकार सभी के लिए भोजन और पानी का इंतजाम कर रही है। इंडिया के अधिकारी भी क्वारंटाइन किए गए लोगों की जानकारी ले रहे हैं। जबकि नेपाल जाने के लिए गोरखपुर पहुंचे तीन सौ नेपाली नागरिक भी लॉकडाउन की वजह से सोनौली में ठहरे हैं। उनके खाने-पीने का प्रबंध भी कराया गया है। सोमवार को गोरखपुर के डीआईजी राजेश मोदक और महराजगंज के एसपी रोहित सिंह सजवान ने सोनौली बार्डर का दौरा किया। एसएसबी और पुलिस के लोगों से बात करते हुए अधिकारियों ने कहा कि किसी भी सूरत में नेपाल से किसी की इंट्री इंडिया में नहीं होनी चाहिए।

पुलिस और एसएसबी के जवान बार्डर पर गश्त कर रहे हैं। नेपाल आने वाली पगडंडियों की कड़ी निगरानी हो रही है। चौकसी बढ़ाते हुए सीमा को पूरी तरह लॉक कर दिया गया है।

दावा शेरपा, एडीजी जोन