-पार्षदों के सीयूजी नंबर बंद होने से पब्लिक को होने लगी परेशानी

-पार्षदों के पास जाने से पब्लिक भी हो रही है परेशान

GORAKHPUR: शहरवासियों की सुविधा के लिए पार्षदों को दिया गया सीयूजी नंबर बंद कर दिया गया है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आलम यह है कि लोग किससे अपनी समस्याओं की शिकायत करे पता नहीं चल रहा। नगर निगम कार्यालय में शिकायत करने पर समस्या का समाधान नहीं होता और पार्षद से संपर्क नहीं हो पा रहा। मेयर और 80 पार्षदों को 2012 में सीयूजी नंबर दिया गया था, लेकिन जैसे ही 8 अगस्त 2017 को इन लोगों का कार्यकाल समाप्त हुआ नंबर बंद कर दिया।

2009 में पहली बार मिला था सीयूजी

2006 में नगर निगम बोर्ड का गठन हुआ तो पहली बार 2009 नगर निगम के कर्मचारियों और पार्षदों को सीयूजी नंबर दिया गया। 2012 के बोर्ड में नगर निगम के पार्षदों और कर्मचारियों को फिर से नई कंपनी का सीयूजी नंबर और 2250 रुपए का एक ब्रांडेड कंपनी का मोबाइल दिया गया। चौथी बोर्ड की मीटिंग में सभी पार्षदों को लैपटॉप देने का प्रस्ताव पारित हुआ। उसके एक साल बाद 7800 रुपए की लागत वाला नोटपैड दिया गया।

जनप्रतिनिधियों को परेशानी

-अधिकांश अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं

-चुनाव का समय है। फोन बंद होने से पब्लिक शिकायत करती है

- अधिकांश होर्डिग पर सीयूजी नंबर ही है पार्षदों का

-अचानक वार्ड के आधे से अधिक लोगों से संपर्क कटा

-नए नंबर को लोगों के पास पहुंचना सबसे अधिक परेशानी

पब्लिक को परेशानी

-पब्लिक अपनी किसी भी सार्वजनिक परेशानी में सबसे अधिक मदद पार्षद से लेती है

- अचानक प्राब्लम आने पर शिकायत किससे करें, इसको लेकर परेशानी

- राशन कार्ड बनवाने से लेकर प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब लगाना पड़ रहा चक्कर

-किसी योजना के बारे में नहीं मिल रही जानकारी

-गंदगी और जल जमाव जैसी समस्या को लेकर पार्षद के आवास जाना पड़ रहा

वर्जन

पिछले पांच साल में जो भी नए लोग जुड़े हैं, उन लोगों को के पास हमारा सीयूजी नंबर ही है। ऐसे में अचानक नंबर बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है। मिलने के बाद लोग शिकायत कर रहे हैं कि फोन मिला रहा था, लेकिन मोबाइल आपका बंद है। नगर निगम को सीयूजी नंबर बंद न कर स्वतंत्र कर देना चाहिए था।

डॉ। सत्या पांडेय, निवर्तमान मेयर

नगर निगम के अफसरों को एक बार पार्षदों से सीयूजी नंबर बंद करने को लेकर बात करनी चाहिए थी। जिस तरह से अचानक नंबर बंद हुआ है, उससे वार्ड के अधिकांश लोगों से अचानक कनेक्टिविटी खत्म हो गई है। अब फिर से कनेक्टिविटी बन रही है।

मनीष सिंह, निवर्तमान पार्षद, वार्ड नं 61 मियां बाजार

किसी भी वार्ड की पब्लिक के पास 100 नंबर के बाद किसी का फोन नंबर होता है तो वह पार्षद का होता है। ऐसे में अचानक सीयूजी नंबर बंद होने परेशानी बढ़ गई है। अफसरों ने जनप्रतिनिधि और पब्लिक के बीच कनेक्टिविटी समाप्त करने का कार्य किया है।

अजय राय, निवर्तमान पार्षद, वार्ड नं 42 सिविल लाइंस द्वितीय