-शनिवार को मनाई जाएगी नागपंचमी

- इस बार नाग पंचमी में नहीं हो सकेगा दंगल

GORAKHPUR: नागपंचमी का त्योहार गोरखपुर में धूमधाम से मनाया जाता है। शनिवार को नागपंचमी मनायी जायेगी। नागपंचमी पर कैसे भी हालात रहे हो लेकिन दंगल के दावं पेच जरूर लगते रहे हैं। रूरल एरियाज में 100 साल से भी पुराना दंगलों का इतिहास रहा है। दंगल में उतरे पहलवानों का उत्साह बढ़ाने के लिए हजारों की भीड़ अखाड़े में मौजूद रहती थी। भले ही दावं पेंच में पहलवान एक दूसरे से हार जाए लेकिन दंगल हमेशा जीतता रहा है। लेकिन कोरोना के इस काल में दंगल की इस परम्परा पर रोक लगना तय हो चुका है। ककड़ाखोर बेलीबार में पहलवान शीतल सिंह की स्मृति में होने वाला 95 साल पुराना दंगल इस साल नहीं होगा। इसी तरह खजनी, कौड़ीराम, सहजनवां, पांडेय पार में लगने वाले दावं पेच इस बार नहीं दिखेंगे। अखाड़ों में सन्नाटा रहेगा। इसी तरह गोरखनाथ मंदिर में भी हर साल नागपंचमी के दिन पहलवान दम दिखाते थे। लेकिन इस बार दंगल का आयोजन नहीं होगा।

आज भी याद है दंगल का उल्लास

पारम्परिक दंगल में कभी निर्णायक तो कभी व्यवस्थापक के रूप में नजर आने वाले कुश्ती कोच शत्रुघ्न राय कहते हैं कि अखाड़ों का उत्साह कभी नहीं भूला जा सकता। कैसा भी विपरीत मौसम रहा हो लेकिन दंगल जरूर होता था। कुश्ती प्रेमियों का जोर-जोर से अपने पहलवान की प्रशंसा में चिल्लाना याद आता है। कुश्ती के बेहतरीन दांव पेच याद आते हैं। दंगल भले ही इस साल कोरोना की भेंट चढ़ गया हो लेकिन दंगल दमदारों का खेल है जो वापसी जरूर करेगा। राय ने कहा कि ककड़ापार बेलीपार का दंगल 95 सालों से निरंतर होता रहा। किसी भी परिस्थिति में नहीं रोका गया लेकिन इस साल ये परम्परा भी टूट गयी।

टूट गई वर्षो पुरानी परम्पराएं

नागपंचमी के अवसर पर सिकरीगंज क्षेत्र के बाजार मे जिलास्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन कई वर्षो से परम्परा चली आ रही थी। ग्राम प्रधान की ओर से इसे कराया जाना था। कोरोना की वजह से इस साल प्रतियोगिता निरस्त कर दी गई है। सहजनवां में कई स्थानों पर लगने वाले मेले इस बार नहीं लगेंगे। मुख्य आयोजनकर्ता गोविंद यादव ने कहा कि इस बार कोरोना की दृष्टिगत दंगल का आयोजन नहीं होगा। खजनी संवाद के अनुसार क्षेत्र के गांव कटया मे बहुत दिनों से नांग पंचमी के शुभ अवसर पर प्रति वर्ष दंगल का आयोजन किया जाता है। गोरखपुर व आसपास के दमदार पहलवान हाथ आजमाते थे। प्रधान संतराज यादव ने बताया कि महामारी की वजह से इस साल दंगल नही होगा। प्रधान विवेक शाही ने बताया कि इस महामारी को देखते हुए दंगल का आयोजन नहीं किया जाएगा। यहां पर दंगल 1995 से हो रहा था। जंगल कौडि़या में 1947 से कुश्ती का आयोजन होता रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुख्य अतिथि के रूप में इसमें शामिल हो चुके हैं। इस साल ये परम्परा टूट जायेगी।