गोरखपुर (ब्यूरो)।दोनों कैब-वे की ओर से आने वाले पैसेंजर्स की कोविड जांच नहीं की जा रही है। वहीं, प्लेटफॉर्म 2 पर मुख्य प्रवेश द्वार पर दूसरे राज्यों से आने वाले पैसेंजर्स की कोरोना जांच नहीं की जा रही है। रविवार को जांच केंद्र पर सन्नाटा छाया रहा। जंक्शन पर पहुंचने वाले पैसेंजर्स मास्क लगाए नहीं दिखे। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का तो नाम ही नहीं था। किसी तरह भी कोरोना का खौफ नहीं नजर आया। बीते कुछ दिनों में जिले में कोरोना संक्रमण के 18 नए मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी लापरवाही सवाल खड़ा कर ही है। वहीं, एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले पैसेंजर्स की कोरोना जांच की जा रही है।

हर जगह मिली लापरवाही

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रविवार को कोविड प्रोटोकॉल को लेकर गोरखपुर जंक्शन का रियलिटी चेक किया। दोनों प्लेटफॉर्म पर बने कैब-वे से यात्री बेरोकटोक निकलते हुए नजर आए। इनमें से अधिकतर ने मास्क नहीं लगाया था। वहीं प्लेटफॉर्म एक के कैब-वे पर यात्री आराम से आते-जाते दिखे। उनकी कोरोना जांच करने वाला कोई भी वहां मौजूद न था। इतना ही नहीं प्लेटफॉर्म पर टे्रन आने के बाद यात्री प्लेटफार्म नौ की ओर कैब-वे से धर्मशाला गेट की ओर निकल गए। किसी की भी कोरोना जांच नहीं हुई। वहीं कुछ यात्री फुट ओवरब्रिज के रास्ते सीधे एस्केलेटर की ओर निकल गए। वहां भी खुली छूट थी।

एयरपोर्ट पर कोरोना जांच

हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से एयरपोर्ट पर कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। यहां पर तैनात हेल्थ कर्मी बाहर से आने वाले पैसेंजर्स की कोरोना जांच कर रहे हैं। टीम एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी में सैंपल भेज रही है।

जिला जेल में कोरोना से दहशत

जेल मेें आठ बंदियों समेत 10 कोरोना संक्रमित मिलने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट के होश उड़ गए हैं। केस की पुष्टि होने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम जिला जेल पहुंच गई। हेल्थ कर्मियों ने बाहर से आने वाले 94 बंदियों की सैंपलिंग कराई। कोविड नोडल अधिकारी डॉ। एके सिंह ने बताया कि नये बंदियों के लिए अलग से आइसोलेशन बैरक है। उनकी रेगुलर जांच कराई जा रही है। जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मुख्य बैरक में भेजा जा रहा है। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव मिल रही तो बंदियों को उसी बैरक में रखा जा रहा है। वहीं, सभी बंदियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया है।

एक नजर में सैंपलिंग

डेल जांच के लिए भेजे सैंपल

1 अप्रैल 666

2 अप्रैल 449

3 अप्रैल 751

4 अप्रैल 396

5 अप्रैल 444

6 अप्रैल 526

7 अप्रैल 466

8 अप्रैल 544

लखनऊ जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचा, लेकिन यहां कोविड जांच केंद्र पर जांच करने वाले हेल्थ कर्मी नहीं दिखाई दिए। कोरोना से हमें खुद ही अलर्ट रहना है।

देवराज, पैसेंजर

कोरोना केस आ रहे है तो हेल्थ डिपार्टमेंट को जांच बढ़ानी चाहिए। लेकिन रेलवे स्टेशन पर कोई इंतजाम नहीं है। जबकि जांच से ही ट्रैकिंग हो सकती है।

जितेंद्र तिवारी, पैसेंजर

मैं कप्तानगंज का रहने वाला हूं। मुंबई जा रहा हूं। इसी तरह यदि केस बढ़ता रहा तो फिर से कहीं लॉकडाउन न लग जाए। इसलिए लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

रामू मद्धेशिया, पैसेंजर

कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए संक्रामक अस्पताल, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर कोविड जांच केंद्र बनाए गए हैं। हेल्थ कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि यहां आने वाले लोगों की जांच कराए ताकि कोरोना पर अंकुश लगाया जा सके।

- डॉ। एके सिंह, कोविड नोडल अधिकारी