गोरखपुर ब्यूरो। राम नारायण साहनी के घर शादी में शामिल होने वाले रिश्तेदार शोक में डूब गए। महिलाएं दहाड़ मारकर रोने लगीं। एक ही मोहल्ले के तीन लोगों की मौत से देर रात तक लोग रोते-बिलखते रहे। अधिकांश लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले। पूरे मोहल्ले में मातम पसरा रहा।

मामा अक्षैवर संग बारात में गया विशाल

दुर्घटना का शिकार विशाल अपने मामा अक्षैवर संग के साथ शादी वह इंटरमीडिएट का पढ़ता था। चार भाई-बहनों में वह सबसे बड़ा था। उससे छोटी उसकी बहन लक्ष्मी, मोनिका और छोटा भाई विकास घर पर ही थे। वह रविवार को मामा के घर कोड़ारी आया था और शाम को उनके साथ बरात चला गया। उसके पिता वीरेंद्र पेंट पालिश का काम करते हैं। घटना के बाद घर पर मां उर्मिला व बहनों का रो-रोकर बेहाल हो गई हैं।

घर कमाऊ विष्णु की मौत से सहमा परिवार

विष्णु शर्मा अपने चार भाइयों में सबसे बड़ा था। वह घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। गांव में रहकर यजमानी का कार्य करता था और सैलून की एक छोटी दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। घटना के बाद पत्नी किरन, माता किशोरी का रो-रोकर बुरा हाल है। उसकी पत्नी बेहोश हो जा रही थी। उसके तीन बच्चे हैं, जिसमें सबसे बड़ा बेटा शिवा 14 वर्ष का, बेटी शिवानी 10 वर्ष की व बेटा सत्यम सात वर्ष का है। विष्णु की पत्नी किरन घटना की सूचना पर बेसुध हो गईं और रो-रोकर एक ही स्वर बोल रही थी अब हम किसके सहारे रहेंगे? भगवान ने हमारा सबकुछ बर्बाद कर दिया। अब हम बच्चों को लेकर कैसे रहेंगे? कौन बच्चों को देखेगा, लेकिन विधाता के विधान के आगे सभी बेबस हैं।